गायत्री मंत्र के 24 अक्षरों में वह शक्ति है कि इसके जप से हमारी बुद्धि परिमार्जित होकर मेधा, प्रज्ञा, विवेक एवं परम ज्ञान में रूपांतरित हो जाती है | मनुष्य स्वत: सन्मार्ग की ओर अग्रसर हो जाता है, सदाचरण और सद्चिन्तन करने लगता है |
एक मंदिर बन रहा था | देश भर से आये शिल्पी पत्थरों पर छैनी से काम कर रहे थे | एक पत्थर कारीगरों के मुखिया ने बेकार समझकर फेंक दिया | रास्ते में पड़ा वह पत्थर मजदूर-राहगीरों की ठोकरें खाता, इधर-उधर होता व उदास मन से देखता रहता कि और तो संवरकर मूर्ति का रूप लेकर निखर रहें हैं | मैं अभागा पैरों के नीचे दबाया जा रहा हूँ |
एक दिन एक राज कलाकार उधर से गुजरा | उसने वह बेकार पड़ा पत्थर उठाया, छैनी चलानी आरंभ की और देखते-देखते कुछ ही घंटों में एक सुंदर सी मूर्ति तराशकर खड़ी कर दी | सबने उसकी प्रशंसा की कि वह बड़ा प्रतिभाशाली है | एक राह के रोड़े को रूपांतरित कर दिया |
कलाकार बोला --" मैं तो औरों की तरह ही हूँ | जो पत्थर में से प्रकट किया है, वह था पत्थर के अंदर ही | मैंने तो मात्र पहचाना व उकेरा ही है |
हम सबके भीतर महानतम, श्रेष्ठतम बनने की संभावनाएँ हैं | कभी-कभी जीवन को गढ़ने वाला कोई कलाकार, गुरु, मार्ग दर्शक मिल जाता है तो हम क्या से क्या बन जाते हैं |
एक मंदिर बन रहा था | देश भर से आये शिल्पी पत्थरों पर छैनी से काम कर रहे थे | एक पत्थर कारीगरों के मुखिया ने बेकार समझकर फेंक दिया | रास्ते में पड़ा वह पत्थर मजदूर-राहगीरों की ठोकरें खाता, इधर-उधर होता व उदास मन से देखता रहता कि और तो संवरकर मूर्ति का रूप लेकर निखर रहें हैं | मैं अभागा पैरों के नीचे दबाया जा रहा हूँ |
एक दिन एक राज कलाकार उधर से गुजरा | उसने वह बेकार पड़ा पत्थर उठाया, छैनी चलानी आरंभ की और देखते-देखते कुछ ही घंटों में एक सुंदर सी मूर्ति तराशकर खड़ी कर दी | सबने उसकी प्रशंसा की कि वह बड़ा प्रतिभाशाली है | एक राह के रोड़े को रूपांतरित कर दिया |
कलाकार बोला --" मैं तो औरों की तरह ही हूँ | जो पत्थर में से प्रकट किया है, वह था पत्थर के अंदर ही | मैंने तो मात्र पहचाना व उकेरा ही है |
हम सबके भीतर महानतम, श्रेष्ठतम बनने की संभावनाएँ हैं | कभी-कभी जीवन को गढ़ने वाला कोई कलाकार, गुरु, मार्ग दर्शक मिल जाता है तो हम क्या से क्या बन जाते हैं |