28 March 2020

WISDOM ----- आज संसार को ' गाँधीवादी अर्थशास्त्र ' की जरुरत है

  गांधीजी  ने  कहा  था  कि   हमारी  धरती  के  पास  प्रत्येक  व्यक्ति  की  आवश्यकता  के  लिए  बहुत  कुछ  है   पर  किसी  के  लालच  के  लिए  कुछ  नहीं  l   गांधीजी  का  मन्त्र  था --- जब  भी  कोई  काम  हाथ  में  लो  ,  यह  ध्यान  रखो  कि   इससे  सबसे  कमजोर  और  गरीब  व्यक्ति  को  क्या  लाभ  होगा  l   मानव  मात्र  की  ख़ुशी  ही  उनकी  मूल  कसौटी  थी   l   
गांधीजी  चाहते  थे  प्रत्येक  गाँव  आत्मनिर्भर  हो   l  लोग  अपरिग्रह  के  सिद्धांत   को  अपनाएं  जिससे  समाज  में  आर्थिक  असमानता  दूर  हो  सके  l   उनके  विचार  केवल  भारत  के  लिए  नहीं  अपितु  समस्त  संसार  के  कल्याण  के  लिए  थे  l 

WISDOM ----- वर्तमान समस्या का सबसे बड़ा कारण मनुष्य का संवेदनहीन होना है

 लोभ , लालच ,  कामना  वासना  के  जाल  में  मनुष्य  इस  तरह  उलझ  गया  है  कि  उसके  हृदय  में  संवेदना  का  स्रोत  ही  सूख   गया  है  l   कभी - कभी  प्रकृति  भी  ऐसी  विकट   परिस्थितियां  रचकर  मनुष्य  की  परीक्षा  लेती  है   कि    उच्च    आदर्शों   की  बात  करने  वाले  मनुष्य  की  सच्चाई  क्या  है  ? 
 मनुष्य  ने   अपने  स्वार्थ  के  लिए   प्रकृति  को  उपेक्षित  किया  ,  जल , थल , वायु  समूचे  पर्यावरण  को   प्रदूषित  कर  दिया,   अपनी   मानसिक  कमजोरियों  से  , अनैतिक  और  अपराधिक  गतिविधियों  से   वातावरण  में  नकारात्मकता  भर  दी  l
  प्रकृति  हमें  विभिन्न  तरीकों  से  समय - समय  पर  सन्देश  देती  रही  की-- सुधर  जाओ ,  सन्मार्ग  पर  चलो  लेकिन  मनुष्य  ने  समझा  नहीं   l   इस  बार  प्रकृति   अपनी    उपेक्षा  सहते- सहते   बहुत  क्रुद्ध  हो  गईं  l   कब  किस  पर  प्रकोप  हो  जाये  ----  कोई  नहीं   जानता  l
  हम  प्रकृति  के  सन्देश  को  समझें  ,  शासकीय  नियमों  में  रहते  हुए    संवेदनशील  बने  ,    गरीबी , मजबूरी  ,  जाति , धर्म ,  रंग  , ऊंच - नीच   आदि  विभिन्न  आधारों  पर  किसी  को    उपेक्षित   न  करें  l 
पं. श्रीराम  शर्मा आचार्य जी  का   कहना  है  --- इस  संसार  की  सभी  समस्याओं  का  एकमात्र  हल  संवेदना  है  l   हम  किसी  को  दुःख  न   दें  l   अपनी  सामर्थ्य  के  अनुसार  उसकी  पीड़ा  का  निवारण  करें  l