16 November 2021

WISDOM----

   पं. श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी  लिखते  हैं  ---- जीवन  में  शुभ  अवसर  एक  बार  आता  है  और  चला  जाता  है   l शुभ  अवसर  जिंदगी  के  दरवाजे  पर  केवल  एक  बार  ही  दस्तक  देता  है   l   उसे  सुन  सकें  और  पहचान  सकें  तो  ठीक  , अन्यथा  वह  सदा  के  लिए  चला  जाता  है  ,  परन्तु  दुर्भाग्य  तब  तक  दस्तक  देता  है  ,  जब  तक  कि   दरवाजा  खुल  न  जाये   और  दरवाजा  खुलते  ही   दुर्भाग्य  ऐसे   अंदर  प्रवेश  करता  है  कि   वह  अपनी   पूरी  क्षमता  और  समर्थ  के  साथ  व्यक्ति  को  धार  दबोच  लेता  है  l जब  तक  व्यक्ति  दस - बीस  साल   उसके  नियत  भोगकाल   को  भोग  नहीं  लेता  ,  पीछा  नहीं  छूटता   है   l   यह  पल  भर  का  खेल  है  ,  यदि  शुभ  अवसर  को  पहचान  सकें   और  उसके  लिए  दरवाजा   खोल  सकें  तो   जीवन  उपलब्धियों  से  महक  उठता  है  l  "  आचार्य श्री  लिखते  हैं  ---निष्काम  कर्म  से  ,  सन्मार्ग  पर  चलने  से   ईश्वरीय  कृपा  से  हमें  विवेकदृष्टि  का  अनुदान  मिलता  है   l  विवेक  दृष्टि  से  ही  उचित  चीजों  का  निर्णय  हो  पाता   है  ,  हम  अवसर  को  पहचानते  हैं  और  उचित  निर्णय  ले  पाते  हैं   l