24 December 2019

WISDOM ------- अपना उद्धार आप करें --- श्रीमद भगवद्गीता

  भगवान   ने  मनुष्यों  को  उन  सब  विशेषताओं  से  परिपूर्ण  बनाकर  इस   धरती  पर  भेजा  है   जिनके  आधार  पर  वह   अपना  उद्धार - उत्थान  बड़ी  सरलता  से  कर  सकता  है  l  लेकिन  मनुष्य  अपनी  आधी  शक्तियों  को  शरीर  यात्रा  में  लगाता   है  और   आधी  शक्ति   निरर्थक  एवं  अनर्थकारी  विचारों   एवं   कार्यों  में  नष्ट  कर  देता  है  l   सद्विचारों  और  सत्कार्यों  के  लिए  उसके  पास   समय  ही  नहीं  बचता  l  इस  प्रकार  गुजारे   के  अतिरिक्त  बचा  हुआ  समय    औसत  मनुष्य   संसार   के लिए  संकट  उत्पन्न  करने  में  ही  लगा  देता  है   l
  यदि  यह  स्थिति  बदल  जाये   और   लोग  -- राजा , प्रजा , पुलिस , फौज , कर्मचारी   आदि  सभी  लोग  अपनी  विचारणा  एवं   कार्य पद्धति    रचनात्मक  दिशा  में  लगाने  लगें   तो  कुछ  ही  समय  में   चमत्कार  हो  सकता  है   l  यदि    लोगों  की  शक्ति  शिक्षा , स्वास्थ्य , लोक निर्माण   आदि  सकारात्मक  कार्यों  में  लग  जाये  ,    हथियार  बनाने  में  लगा  हुआ  धन   ,  संसार  में  गरीबी ,  भूख  और  बेरोजगारी  दूर  करने  में  लग  जाये    तो  इस  धरती  पर  सुख - शान्ति   का  वातावरण  बनने  में  देर  नहीं  लगेगी   l
  यह  सब  तभी  संभव  है  जब  लोग  सच्चे  अर्थों  में  आस्तिक  बने   l   ' जियो  और  जीने  दो  '  के  सिद्धांत  को  स्वीकार  करें -- हम  सब  एक  ही  मोतियों  के  हार  में  गुँथे   हुए  हैं   l