8 February 2019

WISDOM ------- विनम्रता से सफलता

  विनम्रता  से व्यक्ति  का  विवेक   जाग्रत  होता  है , समझदारी  बढ़ती  है    जबकि  अहंकार  होने  पर व्यक्ति  का  विवेक  कुंद  हो  जाता  है  l  अहंकार  व्यक्तित्व  में  पनपने  वाली  दुर्गन्ध  है   जबकि  विनम्रता  सुगंध  है  l   विनम्रता  से मनुष्य  के  व्यक्तित्व  का  विकास  होता  है   l  विनम्र  व्यक्ति  संवेदनशील  होता  है  l 
  इस  सम्बन्ध  में    एक  पौराणिक  कथा  है  कि  एक  शबर  जाति  के  भील  से  महर्षि  व्यास  ने   ' वृक्ष  नमन '  मन्त्र विद्दा  सीखी  l  इस  मन्त्र  की शक्ति  से   खजूर   और  नारियल  जैसे  बड़े वृक्ष  नीचे  झुक  जाते  थे   और  कार्य  पूरा  होने  पर  पुन:  अपनी  जगह  पर  आ  जाते  थे  l 
 भील    मन  में  ऐसा  सोचता  था  कि  महर्षि  व्यास  महापुरुष  हैं  ,  ऋषि - मुनि  और  भगवान  श्रीकृष्ण   भी  उनका  आदर  करते  है   ,  अत:  वे  हमारा  ( भील )  आदर  नहीं  करेंगे  l  यदि  मन्त्र  और  मंत्रदाता  का  आदर  न  हो  तो  मन्त्र  फलता  नहीं  है  l
किन्तु  व्यासजी  जितने   ज्ञानी  थे  उनमे  उतनी  ही  विनम्रता  थी   l  एक  बार   जब  भील  उनसे  मिलने  गया  ,  तो  व्यासजी  ने  अपने  आसन  से  उठकर   उसका  सत्कार  किया   और  गुरु  की  तरह  उसे  सम्मान  दिया  l  भील  ने  यह  बात  जब  अपने  पिता  को  बताई  तो  उन्होंने  कहा ---   व्यासजी  महान  हैं  l  इतनी  विनम्रता  महान  पुरुषों  में  ही  हो  सकती  है  l