19 February 2021

WISDOM -----

   भगवान  श्रीकृष्ण  ने   अपने  व्यवहार   से  संसार  को  शिक्षण  दिया  कि   मनुष्य  में  नम्रता  होनी  चाहिए ,  अहंकार   को  त्याग  देना  चाहिए  --- श्रीकृष्ण  स्वयं  अर्जुन  के  सारथि   बने  ,  पांडवों  की  ओर   से   एक  स्वयंसेवक   की  भाँति   व्यवहार  करते  हुए    महाभारत  युद्ध  में  भाग  लिया    l   ऐसे  निराभिमानी   भगवान  कृष्ण  को   अर्जुन  ने   अपने  पक्ष  में  चुना  , किन्तु  दुर्योधन  ने  उनका  महत्व   नहीं  समझा  ,  वह  तो  उन्हें  ग्वाला  ही  कहता  था   इसलिए  उसने   उनकी विशाल  सेना  को  मांग  लिया  l   जब  राजसूय  यज्ञ   शुरू  होने  को  था   l   सबके  लिए  काम  बांटे  जा  रहे  थे  l   श्रीकृष्ण  ने  भोलेपन  से  अपने  लिए  भी  काम  माँगा  ,  लेकिन  पांडवों   ने  कहा  --- भगवन  !  आपके   लिए तो  हमारे  पास   कोई  भी  काम  नहीं  है   l   बहुत  ज्यादा  जोर  देने  पर   उनसे  कह  दिया  कि   वे  अपनी  पसंद  का  काम  स्वयं  ढूंढ़   लें  l   सभी  ने  देखा  कि   श्रीकृष्ण  यज्ञ  में   आदि  से  अंत  तक   अतिथियों   के  चरण  धोने  ,  झूठी  पत्तलें  उठाने  तथा  सफाई  रखने  का  काम  स्वयं  करते  रहे   l