एक दिन बर्नार्ड शा के यहाँ कोई हिन्दुस्तानी गया l वह बताने लगा कि हिंदुस्तान की पुरानी संस्कृति ऐसी थी, पुराने लोग ऐसे थे l इस पर बर्नार्ड शा ने कहा --- बस साहब ! यहीं रहने दीजिए l अगर आप ज्यादा पुरानी बात कहेंगे , तो आपको यह भी कहना पड़ेगा की हम बन्दर की संतान थे l
पं. श्रीराम शर्मा आचार्य ने अपने एक प्रवचन में कहा है ---' पुरानी बात तो बूढ़े आदमी करते हैं l जिनका एकाग्र मन बुढ़ापे में डूब गया है , वे पुरानी बातों का रस ले - लेकर के जिन्दा रहते हैं l हम अपनी मानसिकता को परिपक्व बनायें l स्वयं को ईश्वर की संतान माने , ईश्वर ने हमें इस धरती पर श्रेष्ठ कार्य करने के लिए भेजा है l वर्तमान का सदुपयोग करें , जो वर्तमान को साध लेता है , वह अगला , पिछला सभी को साध लेता है l '
पं. श्रीराम शर्मा आचार्य ने अपने एक प्रवचन में कहा है ---' पुरानी बात तो बूढ़े आदमी करते हैं l जिनका एकाग्र मन बुढ़ापे में डूब गया है , वे पुरानी बातों का रस ले - लेकर के जिन्दा रहते हैं l हम अपनी मानसिकता को परिपक्व बनायें l स्वयं को ईश्वर की संतान माने , ईश्वर ने हमें इस धरती पर श्रेष्ठ कार्य करने के लिए भेजा है l वर्तमान का सदुपयोग करें , जो वर्तमान को साध लेता है , वह अगला , पिछला सभी को साध लेता है l '