पुराणों में एक कथा है ---- एक बार वैशाली क्षेत्र में दुष्ट - दुराचारियों का उत्पात - आतंक इतना बढ़ा कि उस प्रदेश में भले आदमियों का रहना कठिन हो गया l लोग घर छोड़कर अन्यत्र सुरक्षित स्थानों के लिए पलायन करने लगे l इन भागने वालों में ब्राह्मण समुदाय का भी बड़ा वर्ग था l वैशाली के ब्राह्मणों ने महर्षि गौतम के आश्रम में चलकर रहना उचित समझा l महर्षि गौतम के तप का प्रभाव था कि वहां गाय और सिंह एक ही घाट पर पानी पीते थे l ब्राह्मणों को वहां आश्रय मिल गया , वे सुखपूर्वक रहने लगे l एक दिन देवर्षि नारद वहां से निकले , कुछ समय महर्षि गौतम के आश्रम में रुके l इस समुदाय के संरक्षण की नई व्यवस्था देखकर वे बहुत प्रसन्न हुए और उदारता की भूरि -भूरि प्रशंसा करने लगे l ब्राह्मण समुदाय से महर्षि गौतम की यह प्रशंसा बर्दाश्त नहीं हुई , ईर्ष्या उन्हें बेतरह सताने लगी l वे सोचने लगे कि हमने ही उन्हें यश दिलाया , हमारे ही आगमन से उन्होंने इतना श्रेय कमाया l अब हम अपना पुरुषार्थ दिखाकर उन्हें नीचा भी दिखाएंगे l षड्यंत्र रचा गया l रातों - रात मृत गाय आश्रम के आंगन में डाली गई l कुहराम मच गया l यह गौतम ने मारी है , हत्यारा है , पापी है , इसक्का भंडाफोड़ सर्वत्र करेंगे l महर्षि गौतम योग साधना से उठे और यह कुतूहल देखकर अवाक रह गए l आगंतुकों को विदा करने का निश्चय हुआ l ऋषि बोले ---- ' मूर्द्धन्य जनों की ईर्ष्या अन्यों की अपेक्षा अधिक घातक और व्यापक परिणाम उत्पन्न करती है l आप लोग जहाँ रहते थे , वहां चले जाएँ l अपनी ईर्ष्या से जिस क्षेत्र को कलुषित किया था , उसे स्नेह - सौजन्य के सहारे सुधारने का नए सिरे से प्रयत्न करें l
12 January 2021
WISDOM -----
पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी कहते हैं ---- ' मनोबल ही जीवन है l वही सफलता और प्रसन्नता का उद्गम है l मन की दुर्बलता ही रोग , दुःख और मौत बनकर आगे आती है l ' एक समय था जब संसार के अधिकांश देश पराधीन थे l अपनी आजादी के लिए दृढ़ संकल्प लिया और संगठित प्रयास किया , अपने मनोबल को जगाया तो सब को पराधीनता से मुक्ति मिली , गुलामी की जंजीरें टूटी और आजादी मिली l आत्मबल से गुलामी से मुक्ति तो संभव है लेकिन यदि मन: स्थिति कमजोर है , आत्मबल नहीं है , परावलंबी हैं तो शक्तिशाली तत्व और असुरता उन्हें ' कठपुतली ' बना देती है l ऐसे में स्वयं निर्णय लेने की शक्ति नहीं होती l यदि आत्मबल नहीं है , अपनी कोई सोच ही नहीं है तो डोरी जिसके हाथ में होगी , वैसा ही दृश्य दिखाई देगा l