2 June 2018

भारतीय किसान

   अंग्रेजी  के  सुप्रसिद्ध  साहित्यकार  सामरसेट  माम   1938  में  प्रथम  बार  भारत  आये   l  यहाँ  से  विदा  होने  पर  जब  उनसे  पूछा  गया   कई  भारत  की  कौन  सी  वस्तु  ने  आपको  सबसे  ज्यादा  प्रभावित  किया   तो  उन्होंने  कहा  ---- "  मुझे  आगरा  के  ताजमहल ,  बनारस  के  घाट,  मथुरा  के  मंदिर   और  त्रावनकोर  के  पर्वतों  ने  बिलकुल  भी  प्रभावित  नहीं  किया   l  मैंने  भारत  के  गरीब  किसानों  को  , लंगोटी  लगाये , भूखे  पेट  काम  करते  देखा   l  वह  सूर्योदय  से  पूर्व  की   कड़कड़ाती  ठण्ड  में  काम  करता  है  ,  दोपहरी  की  तपती  धूप  उसे  पसीने  से  लथपथ  कर  देती  है   और  सूर्यास्त  तक  अपना  खेत  जोतता   है , मेहनत  करता  है  l   वह  गत  300  वर्षों  से  इसी  प्रकार   धरती  माता  के  लिए  अपना  पसीना  बहाता  आ  रहा  है   और  इसके  बदले  में  उसे   अल्प  मात्र  में   निर्वाह  सामग्री  प्राप्त  हो  जाती  है   l  भारतीय  कृषकों  की  स्थिति  देखकर मेरे  ह्रदय  में  हलचल  उत्पन्न  हो  गई  l  " 
  भारत  यात्रा  के   ऐसे  तीखे  संस्मरण   उन्होंने  अपने  देश  लौटकर  '  एक  लेखक  की  नोटबुक '  में  लिखे  l