30 July 2021

WISDOM ------

   पं. श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी  लिखते  हैं  ----- " समुद्र  के  बीच  में  खड़ा    हुआ  प्रकाश  स्तम्भ  बुझ  जाए   तो     फिर    उस  क्षेत्र   में  चलने  वाले   जलयान   चट्टान  से  टकरा  कर   दुर्घटनाग्रस्त  होंगे  ही   l '                        समाज  में  छाये  हुए  अनाचार ,  असंतोष  व  दुष्प्रवृतियों  का    एकमात्र    कारण   यही  है  कि   जनसाधारण  की  आत्मचेतना  मूर्च्छित  हो  गई  है   l   आचार्य श्री  लिखते  हैं ---- ' धूर्तता  के  बल  पर   आज  कितने  ही  अपराधी  प्रवृति  के  लोग    क़ानूनी  दंड  से  बच  निकलने   में  सफल  हो  जाते  हैं   लेकिन  असत्य  का  आवरण  अंतत:  फटता  ही  है   l   जन  समुदाय   में  व्याप्त  घृणा  का   सूक्ष्म  प्रभाव    उस  मनुष्य  पर  अदृश्य  रूप  से   पड़ता  है   l   विपुल  साधन  संपन्न  होते  हुए  भी  व्यक्ति  इसी  कारण   सुख  शांतिपूर्वक  नहीं  रह  पाता   क्योंकि  उन  उपलब्धियों   के  मूल  में  छिपी    अनैतिकता    व्यक्ति  की  चेतना  को  विक्षुब्ध  किए   रहती  है   l