महात्मा गाँधी के विचारों की आज संसार को सबसे ज्यादा जरुरत है l उन्होंने जो कुछ सिखाया अपने आचरण से सिखाया l धन का लालच छोड़कर , अपनी असीम आवश्यकताओं को नियंत्रित कर ही व्यक्ति स्वाभिमान से और निर्भय होकर जीवन जी सकता है l --- धार्मिक - आध्यात्मिक पत्रिका ' कल्याण ' के प्रथम अंक में अन्य लेखकों के साथ राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी का भी लेख छपा था l जब प्रति लेकर ' भाई जी श्री हनुमान प्रसाद पोद्दार गाँधी जी के पास गए , तब उन्होंने कहा ----- " दो बातों का ध्यान रखना , पहली बात --- कल्याण में कोई विज्ञापन मत छापना l दूसरी बात ---किसी और लेखक की पुस्तक की समीक्षा अपनी पत्रिका में मत छापना l " अपनी इन बातों को स्पष्ट करते हुए गाँधी जी ने उनसे कहा --- " जो विज्ञापन देंगे , वे अपनी बात भी मनवाएंगे , यह पत्रिका की आध्यात्मिक भावना के लिए ठीक नहीं रहेगा l रही बात पुस्तक की समीक्षा की , तो इससे व्यर्थ ही किसी न किसी विद्वान् की नाराजगी सहनी पड़ेगी l " महात्मा गाँधी की ये दोनों बातें हनुमान प्रसाद पोद्दार जी ने और कल्याण ने यथावत मानी l
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