23 March 2022

WISDOM -----

   पं. श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी  लिखते  हैं ---- " बुद्धिजीवी  विचारशील  वर्ग  पर   भगवान  ने   संसार  रूपी  बगिया  के  माली  का  भार   सौंपा  है   l   यदि  वह  अपनी  जिम्मेदारी   को  निभाने  में  प्रमाद   करते  हैं   तो  किसी  न  किसी  समय ,  किसी - न -किसी   तरह    उन्हें  इसका  खामियाजा  भुगतना  पड़ेगा  l  "    आज  संसार  ऐसी  स्थिति  से  गुजर  रहा  है   कि    विश्व  शांति , पर्यावरण  सुरक्षा ,   बाल - कल्याण   जैसे   शब्द  अर्थहीन  हो  गए  हैं       असुरता  तभी  शक्तिशाली  होती  है  जब  देव  पक्ष  कमजोर  होता  है   और  कलियुग  में    जब  स्वार्थ , लालच ,  अति   महत्वाकांक्षा   लोगों  पर  हावी  होती  है  ,  वे  या  तो  डरते  हैं  या  फिर  अपनी  दुकान   बचाने   में  लगे  रहते   हैं  इसलिए  संगठित  होकर  असुरता  का  सामना  नहीं   करते   l   मनुष्य  के  भीतर  देवता  और  असुर  दोनों  हैं  ,  अपने  मन  के  तराजू  में  इन्हे  तोलने  की  जरुरत  है  ,  कहीं  उसमे  असुरता  का  पलड़ा  भारी  तो  नहीं  हो  गया   ?     आज  तक  ऐसी  कोई  दीवार  नहीं  बनी   है  जो  मृत्यु  को  रोक  सके    l