12 November 2022

WISDOM ---

   विशेषज्ञों  का  कहना  है  कि   उच्च  रक्तचाप  के  रोगियों  को   किसी  के  प्रति  वैरभाव  नहीं  रखना  चाहिए   और  क्रोध  करने  से  बचना  चाहिए  l  जिस  तरह  पानी  को  जब  गर्म  किया  जाता  है   तो  थोड़ी  देर  में  वह   तेज  गर्म  होकर  उबलने  लगता  है   और  भाप  में  बदलता  जाता  है  ,  ठीक  इसी  तरह   व्यक्ति  क्रोध  में   गरम  होकर  उबलता  है   और  व्यक्ति  की  ऊर्जा  भी  क्रोध  के  समय   सर्वाधिक  मात्र  में  व्यय  होती  है  l  पं. श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी  लिखते   हैं ---- 'क्रोध  का  पहला  प्रहार  विवेक  पर   और  दूसरा  प्रहार  होश  पर   होता  है   l  इसलिए  कठिन  कार्यों  , संकट  के  समय   और  अपमान  होने  पर  धैर्य  धारण  करने  की  सलाह  दी  जाती  है  l  जो  व्यक्ति  अहंकारी  होता  है  वह  अधिक  क्रोध  करता  है   क्योंकि  वह  स्वयं  को   दूसरों  से  श्रेष्ठ  साबित  करना  चाहता  है   जबकि  यह  उसकी  नासमझी  है  l  चिकित्सकों  के  अनुसार   कैंसर , उच्च  रक्तचाप  , सिर दरद  और  मानसिक  रोगों  की  मुख्य  वजह  क्रोध  ही  है   इसलिए  सर्वप्रथम  अपने  क्रोध  पर  नियंत्रण   करना  चाहिए  l