' डॉ.सैम्युएल जानसन के विशाल ह्रदय में प्राणीमात्र के प्रति दया व करुणा थी, कोई भी आश्रयहीन, अपंग अथवा दीन-हीन, असहाय व्यक्ति उनकी सहायता पाये बिना कभी उन की द्रष्टि से नहीं गया । कहने वाले कहते थे ' घर को तो इन्होने अनाथालय बना रखा है ' वे सुनते और मुस्करा देते ।
इंग्लैंड के इस महान साहित्यकार का जन्म 1709 में हुआ था । परिवार की आर्थिक स्थिति अति साधारण थी, बचपन में गण्डमाला की बीमारी हो जाने के कारण सदा के लिए कुरूप तथा काले हो गये । 19 वर्ष की अवस्था में पढ़ने के लिए आक्सफोर्ड गये, गरीबी के कारण पैरों में जूते नहीं थे, एक व्यक्ति ने एक जोड़ी जूते उनके निवास स्थान पर रख दिए, लेकिन स्वाभिमान के इतने पक्के कि स्वीकार नहीं किये ।
गरीबी के कारण पढ़ाई छोड़ दी और एक स्थान पर अध्यापक बनने के लिए प्रार्थना पत्र भेजा किन्तु उसे इस आधार पर अस्वीकृत कर दिया कि " आप कुरूप हैं, आपको देखकर बच्चे हँसेंगे । " कुरूपता के कारण किसी समव्यस्क से उनका विवाह न हो सका तब 26 वर्ष की आयु में 46 वर्ष की विधवा से उन्होंने विवाह किया, लेकिन उनका दाम्पत्य जीवन सुखमय व संतोषपूर्ण था ।
नौकरी न मिलने पर वे गहन अध्ययन करने लगे, उनकी स्मरण शक्ति बड़ी तीव्र थी ।
1755 में डॉ जानसन का प्रसिद्ध अंग्रेजी शब्द-कोष प्रकाशित हुआ, इसे उन्होंने केवल पांच वर्षों में तैयार किया और प्रत्येक शब्द की परिभाषा बड़े अनोखे ढंग से दी है । परिभाषा के साथ यह भी बताया है कि अमुक शब्द का प्रयोग अमुक साहित्यकार ने कहाँ और कैसे किया है । इस ग्रन्थ के ऊपर ही आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय ने उन्हें ' डॉक्टर ' की उपाधि से विभूषित किया ।
डॉ.जानसन की गुरुता का प्रतीक यह शब्द-कोष अंग्रेजी साहित्य की अमूल्य निधि है । आर्थिक तंगी और एक आँख का बिलकुल ज्योतिहीन होना उनके मनन-चिंतन में कभी बाधक नहीं बना ।
पांच वर्षों में ग्रन्थ का प्रणयन होना प्रशंसनीय है । उनकी प्रमुख रचनाओं में ' लन्दन ' द लाइव्स ऑफ द पोयटर्स ' इरेन' आदि प्रमुख हैं । इनके ज्ञान की गहराई की तुलना लोग सुकरात से करते हैं ।
इंग्लैंड के इस महान साहित्यकार का जन्म 1709 में हुआ था । परिवार की आर्थिक स्थिति अति साधारण थी, बचपन में गण्डमाला की बीमारी हो जाने के कारण सदा के लिए कुरूप तथा काले हो गये । 19 वर्ष की अवस्था में पढ़ने के लिए आक्सफोर्ड गये, गरीबी के कारण पैरों में जूते नहीं थे, एक व्यक्ति ने एक जोड़ी जूते उनके निवास स्थान पर रख दिए, लेकिन स्वाभिमान के इतने पक्के कि स्वीकार नहीं किये ।
गरीबी के कारण पढ़ाई छोड़ दी और एक स्थान पर अध्यापक बनने के लिए प्रार्थना पत्र भेजा किन्तु उसे इस आधार पर अस्वीकृत कर दिया कि " आप कुरूप हैं, आपको देखकर बच्चे हँसेंगे । " कुरूपता के कारण किसी समव्यस्क से उनका विवाह न हो सका तब 26 वर्ष की आयु में 46 वर्ष की विधवा से उन्होंने विवाह किया, लेकिन उनका दाम्पत्य जीवन सुखमय व संतोषपूर्ण था ।
नौकरी न मिलने पर वे गहन अध्ययन करने लगे, उनकी स्मरण शक्ति बड़ी तीव्र थी ।
1755 में डॉ जानसन का प्रसिद्ध अंग्रेजी शब्द-कोष प्रकाशित हुआ, इसे उन्होंने केवल पांच वर्षों में तैयार किया और प्रत्येक शब्द की परिभाषा बड़े अनोखे ढंग से दी है । परिभाषा के साथ यह भी बताया है कि अमुक शब्द का प्रयोग अमुक साहित्यकार ने कहाँ और कैसे किया है । इस ग्रन्थ के ऊपर ही आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय ने उन्हें ' डॉक्टर ' की उपाधि से विभूषित किया ।
डॉ.जानसन की गुरुता का प्रतीक यह शब्द-कोष अंग्रेजी साहित्य की अमूल्य निधि है । आर्थिक तंगी और एक आँख का बिलकुल ज्योतिहीन होना उनके मनन-चिंतन में कभी बाधक नहीं बना ।
पांच वर्षों में ग्रन्थ का प्रणयन होना प्रशंसनीय है । उनकी प्रमुख रचनाओं में ' लन्दन ' द लाइव्स ऑफ द पोयटर्स ' इरेन' आदि प्रमुख हैं । इनके ज्ञान की गहराई की तुलना लोग सुकरात से करते हैं ।