30 April 2020

WISDOM ------

  कहते  हैं  जो     व्यक्ति   अनीति    और  अधर्म  की  राह  पर  चलता  है     ,  समाज  को  उत्पीड़ित   करता  है    , वह  अंदर  से  बहुत  कमजोर  होता  है  l   बाहर  से  वह  कितना  ही  ताकतवर  हो  ,  लेकिन  उसकी  आत्मा  उसे  सदा  कचोटती  रहती  है   इसलिए  उसका  मनोबल  गिरा  हुआ  होता  है  l   ऐसे  में    यदि    सन्मार्ग  पर  चलने  वाले  लोग  संगठित  होकर  उसका  विरोध  करें   तो  उसे  पस्त   होते  देर  न  लगेगी   l
               ऐसा  ही  एक  उदाहरण   रावण  का  है   ,   अनीति  और  अधर्म  की  राह  पर  चलने  के  कारण  उसका  मनोबल  बहुत  कमजोर  हो  गया  था   l   इतना  विद्वान् , शक्तिशाली ,  लंकापति  रावण  जब  सीताजी  का   हरण  करने  चला    तो    उसने     भिखारी    का  रूप  बना  लिया ,  उसकी  दशा  बहुत  दयनीय  थी   l   भिखारी  का  वेश  धरने  पर  इधर - उधर  देख  रहा  था   कि   कहीं  कोई  उसे  देख  न  ले   l    गलत  राह  पर  चलने  वाले  व्यक्ति  का  तेज , बल  , बुद्धि  -- सारे  सद्गुण     नष्ट  हो  जाते  हैं  l