29 December 2023

WISDOM ------

    यदि  हम  पुनर्जन्म  को  माने  तो  हमारा  वर्तमान  जीवन  पिछले  कई  जन्मों  में  किए  गए  हमारे  कर्मों  का  ही  परिणाम  है  l  जिन  रिश्तों  में  हम  उलझे  हैं  , वे  हमारे   भूतकाल  में  किए  गए  भले -बुरे  कर्मों  का  ही  परिणाम  है  l  भूतकाल  के  हमारे  कर्म  अच्छे  होंगे  तो  उन  रिश्तों  से  हमें  सुख  मिलता  है   लेकिन  यदि  हमने  जाने -अनजाने   अनेक  गलतियाँ  की  होंगी   तो  उन  रिश्तों  के  माध्यम  से  हमें  उनका  हिसाब  चुकाना  पड़ता  है  l        पं . श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी  लिखते  हैं  ---- भूतकाल  तो  बीत  गया  , अब  उस  पर  हमारा  कोई  नियंत्रण  नहीं  है  l  हमारे  हाथ  में  केवल  वर्तमान  है  l   वर्तमान  में  सत्कर्म  कर  के  हम   पिछले   पापों  के  बोझ  को  कुछ  हल्का  कर  सकते  हैं    ,  प्रारब्ध  को  टालना  तो   संभव  नहीं  है   लेकिन   सत्कर्म   की  तीव्रता  से  उन  कष्टों  की  चुभन  कम  हो   जाती  है   और  सुनहरे  भविष्य  का  द्वार  खुल  जाता  है  l  आचार्य  श्री  कहते  हैं  ---सत्कर्म  का  कोई  भी  मौका  हाथ  से  जाने  न  दें  l  सत्कर्म  की  पूंजी   बड़ी   मुसीबतों  से  हमारी  रक्षा  करती  है  l