7 March 2021

WISDOM ------

 कहते  हैं  -- किसी  भी  बात  की  अति  अच्छी  नहीं  होती   और  अति  का  अंत  होता  है  l  विज्ञान  की  अनगिनत    देन   हैं   लेकिन  यदि  हम   इस  भौतिक  प्रगति  का  परिणाम  देखें   तो   आतंक  है ,  युद्ध  का  खतरा  है  ,  मनुष्य  के  जीवन  का  कोई  मूल्य  नहीं  है  ,  भोजन ,  खान - पान ,  रहन - सहन  सब  में  वैज्ञानिक  शोधों  के  आ  जाने   से मनुष्य  की  प्रतिरोधक  क्षमता  कम   हो  गई  है  ,  तनाव ,  आत्महत्या  बढ़  गईं   और  अब  तो   पूरा  संसार  ही  बीमार  हो  गया  l   विज्ञान   कहता  है  --हम  तुम्हे  स्वस्थ    कर  देंगे  ,  लेकिन  ईश्वर  की  दी  हुई  श्वास  को  घटाना - बढ़ाना   क्या   किसी  सांसारिक  शक्ति  के  वश  में  है   ?  जितने  प्रयोग   हम विज्ञान   में  करते  हैं  ,  उसकी  बजाय   दो  कदम  अध्यात्म  के  पथ  पर  चलकर  देखें  ,   इतनी  मानसिक  शांति  मिलेगी   और  मन  के  स्वस्थ  रहने  से  बीमारियाँ   दूर  भागेंगी  l   जब  सबका  मन  शांत  होगा   तो  युद्ध ,  कलह , प्रभुत्व  जमाना  ,  हिंसा   जैसी  विकृतियाँ   समाप्त  हो  जाएँगी   l   वो  दिन  दूर  नहीं  जब  मनुष्य  जागेगा  ,  प्रकृति  की  ओर   लौटेगा  l   मुफ्त  में  भी  कोई  वैज्ञानिक  सुविधाएँ  देगा   तो  उन्हें  नकार  कर  प्रकृति  की  शरण  में  रहेगा  l यदि  एक  सर्वेक्षण  किया  जाये    तो  यह  स्पष्ट  हो  जायेगा    कि   वर्तमान  की  परिस्थितियों  में  भी  जो  लोग  स्वस्थ  हैं   ,  ऊर्जावान  हैं   वे   अपने  खान- पान  के  प्रति  जागरूक  हैं  ,  रासायनिक   पदार्थों   से  स्वयं  को  बचाते   हैं    ,    योग - ध्यान  करने  के  साथ  सत्कर्म  करते  हैं  l   प्रकृति  की  शरण  में  जाओ  तो  प्रकृति  स्वयं  कृपा  करती  है   l