5 September 2022

WISDOM ---

 पं. श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी  लिखते  हैं ---- 'सारे  झगड़े  कटु  वचन  से  होते  हैं  l  मीठी  वाणी  सबको  वश  में  कर  लेती  है   l  वाणी  का  संयम  आवश्यक  है  l '  ----एक  औरत  ने  अपनी  सहेली  से  कहा ---- ' मेरे  पति  बहुत  गुस्सा  करते  हैं  , घर  में  रोज  लड़ाई  होती  है  l "  उसने  कहा --- " अरे ,  इसकी   तो  बहुत  अच्छी  दवा  है  मेरे  पास  ,  तुम  एक  काम  करना  l   जब  वे  कुछ  कहें  तो  मुंह  में  गोली  रख  लेना  l  पर  कुछ  बोलना  मत  ,  नहीं  तो   दवा  का  असर  ख़त्म  हो  जायेगा  l  उसने  ऐसा  ही   किया  ,  दो  दिन  बाद  बोली ---" बहन  !  तुम्हारी  दवा  ने  बहुत  काम  किया  l  क्या  नाम  है  इस  दवा  का , मैं  भी  मंगवा  लुंगी  l  उसने  कहा --- " प्यारी  बहन !  वह  तो  मिश्री  की  डली  थी  l  काम  उस  गोली  ने  नहीं  , तुम्हारे  चुप  रहने  ने  किया  l  एक  चुप  सौ  को  हराए  l  "

 स्व. राष्ट्रपति  डा. राधाकृष्णन जब  रूस  में  भारतीय  राजदूत  थे  और  मास्को  में  रहते  थे  ,  तब  एक  बार  उन्होंने  स्टालिन  से  कहा  था --- " भारत  के  महान  सम्राट  युद्ध  में  विजय  पाकर  भिक्षु  बन  गए  l  कौन  जाने  शायद  आप  भी  उसी  प्रशस्त  मार्ग  पर  चल  पड़ें  l "  स्टालिन  ने  उत्तर  दिया --- " हाँ , कई  बार चमत्कारी  घटनाएँ  भी  हो  जाती  हैं  l  ऐसा  चमत्कार  संभव  तो  है  ही  l "    रूस  से  विदा  लेते  हुए  डा. राधाकृष्णन  जब  स्टालिन  से  मिलने  गए  ,  तो  विदा  लेते  हुए  स्टालिन  के  सिर  पर  हाथ  रखा  ,  तो  भीगी  आँखों  से  विदा  देते  हुए  स्टालिन  ने  कहा ---- " आप  प्रथम  व्यक्ति  हैं  ,  जो  मुझसे  मानव  सा  व्यवहार  करते  हैं  ,  शेष  सब  राजदूत  तो  मुझे  दैत्य  मानकर   दूर  रहते  हैं  l  मुझे  अब  अधिक  दिन  नहीं  जीना  ,  ईश्वर  आपको  चिरायु  करे  l " इस  संवाद  के  छह  महीने  बाद   स्टालिन   ने  शरीर  छोड़  दिया  l