धनहीन व्यक्ति दरिद्र नहीं होता , जो ह्रदयहीन है , प्रेमविहीन है उससे बड़ा दरिद्र और कोई हो नहीं सकता l --------- कथा ---- एक महारानी ने अपनी मौत के बाद अपनी कब्र पर निम्न पंक्तियाँ लिखाने का हुक्म दिया ------ ' इस कब्र में अपार धनराशि गड़ी हुई है l जो व्यक्ति निहायत गरीब एवं एकदम असहाय हो , वह इसे खोदकर ले सकता है l ' उस कब्र के पास से हजारों दरिद्र एवं भिखमंगे निकले , लेकिन उनमे से कोई भी इतना दरिद्र एवं असहाय नहीं था , जो धन के लिए मरे हुए व्यक्ति की कब्र खोदे l एक अत्यंत बूढ़ा भिखमंगा वहां वर्षों से रह रहा था , वह हमेशा उधर से गुजरने वाले प्रत्येक दरिद्र व्यक्ति को कब्र की ओर इशारा कर देता था l आखिर वह व्यक्ति आ ही गया जिसने उस कब्र को खोद डाला l वह व्यक्ति एक सम्राट था उसने उस देश को जीता था जिसमे वह कब्र थी l उसने अपनी विजय के साथ ही उस कब्र की खुदाई शुरू करवा दी थी , पर उसे उस कब्र में एक पत्थर के सिवाय और कुछ नहीं निकला l उस पत्थर पर लिखा था ---- " मित्र , तू स्वयं से पूछ कि धन के लिए कब्र में सोये हुए मुर्दों को परेशान करने वाले क्या तुम मनुष्य हो ? " वह सम्राट जब निराश होकर कब्र के पास से वापस लौट रहा था तब लोगों ने उस बूढ़े भिखारी को जोर से हँसते हुए देखा , वह कह रहा था -- ' मेरा इंतजार पूरा हुआ , आखिर धरती का दरिद्रतम व्यक्ति आ ही गया l '