एक छोटा सा छेद बड़े से बड़े जहाज को डुबो सकता है l छोटी - छोटी और साधारण लगने वाली घटनाएँ बहुत बड़ी तथा असाधारण होती हैं l एक कथा प्रचलित है ----- विजय नगर के राजा कृष्णदेवराय ने अपने यहाँ एक नौकर रखा l नौकर के कहने पर तनख्वाह तय हुई एक पैसा प्रति माह l साथ ही यह शर्त भी थी कि वेतन प्रतिमास गुणानुपात में बढ़ाया जाये l राजा को यह शर्त आसान लगी l उसी क्रम से वेतन बढ़ने लगा l दूसरे माह दो पैसे , तीसरे माह एक आना , चौथे माह दो आना , पांचवें माह चार आना , छठे माह आठ आना , सातवें माह एक रुपया और अंत में 1 लाख
31 हजार 17रूपये प्रति माह कमाने वाला हो गया l
तब राजा को समझ में आया कि जिस शर्त को उसने बहुत छोटी और आसान सा समझा था वह कितनी बड़ी है l
छोटी सी असावधानी बड़ा विध्वंस कर सकती है , इसका उदाहरण है मिसीसिपी बाँध का टूटना l इस नदी के स्तर से लगभग लगभग 15 फीट नीचे आर्लियंस नगर बसा हुआ है l 1883 में उस बाँध में छोटी सी दरार देखी गई l बाँध बहुत मजबूत था अधिकारियों ने सोचा कि एक - दो फीट लम्बे बाल के बराबर इस दरार से कोई अनर्थ नहीं होगा l लेकिन इस लापरवाही के परिणाम स्वरुप चौड़ी होते होते वह दरार इतनी बड़ी हो गई कि उससे निकली विपुल जल राशि से आर्लियेन्स नगर ही डूब गया l
31 हजार 17रूपये प्रति माह कमाने वाला हो गया l
तब राजा को समझ में आया कि जिस शर्त को उसने बहुत छोटी और आसान सा समझा था वह कितनी बड़ी है l
छोटी सी असावधानी बड़ा विध्वंस कर सकती है , इसका उदाहरण है मिसीसिपी बाँध का टूटना l इस नदी के स्तर से लगभग लगभग 15 फीट नीचे आर्लियंस नगर बसा हुआ है l 1883 में उस बाँध में छोटी सी दरार देखी गई l बाँध बहुत मजबूत था अधिकारियों ने सोचा कि एक - दो फीट लम्बे बाल के बराबर इस दरार से कोई अनर्थ नहीं होगा l लेकिन इस लापरवाही के परिणाम स्वरुप चौड़ी होते होते वह दरार इतनी बड़ी हो गई कि उससे निकली विपुल जल राशि से आर्लियेन्स नगर ही डूब गया l