10 May 2020

WISDOM ------

 कारूँ   को  अल्लाह  ने  बहुत  बड़ा  खजाना  दिया   और  कहा ---- " इस  दौलत  को  नेकी  में  खरच  कर  l "
कारूँ   दौलत  पाकर  फूला   न  समाया  l   उसने  उस  दौलत  को  बेहिसाब  उड़ाना  आरम्भ  किया  ,  राग - रंग   और  ऐशो -आराम  में  नष्ट  करने  लगा  l खजाना  खरच  होने  लगा  l   एक  दिन  जमीन   हिली   और  कारूँ   का  मकान  मय   दौलत  के  उसमे  फंस  गया   l   बची  दौलत  का  थोड़ा  सा  हिस्सा  मिल  जाये  ,  यह  सोचकर  उसने  आवाज  लगाई  l   कोई  भी  नहीं  आया  l   खुदा  के  कहर  से  उसे  निजात  नहीं  मिली  l  कारूँ   की  तरह  ही  रातोरात   अमीर  बनने  वालों  ने   इससे  एक  सीख  ली   और  सोचा  कि   अल्लाह  की  मरजी   पर   अपनी   मरजी    नहीं  रखनी   चाहिए  l   परमात्मा  की  विभूतियाँ  सदुद्देश्यों  के  लिए  हैं  l   उनका  दुरूपयोग  विनाशकारी  ही  होता  है   l 

WISDOM ------

  जब  संसार  पर  आसुरी  शक्तियों  का  आक्रमण  होता  है  और  दैवी  प्रवृतियाँ   उसके  विरुद्ध  संगठित  नहीं  होती  हैं  ,  तब  संसार  में  इसी  तरह  का  मृत्यु  का  तांडव  नजर  आता  है  l   आसुरी  शक्तियों  का  सर्वप्रथम   आक्रमण  मनुष्य  की  बुद्धि  पर  होता  है  l    मनुष्य   की    बुद्धि  , दुर्बुद्धि  में  बदल  जाती  है  ,  फिर  आसुरी  तत्व  उसे  अपने   इशारे  पर  चलाते   हैं  l
  ऐसा  इसलिए  होता  है  कि   व्यक्ति  या  एक  देश   अपनी  योग्यता ,  अपने  भीतर  छिपे  हुए  खजाने  को  नहीं  देखता  ,   दूसरे  को  अपने  से  श्रेष्ठ  समझकर  उसके  इशारे  पर  चलने  लगता  है  l   आज  से  लगभग  सौ वर्ष  पूर्व  जब   आधुनिक  इंजेक्शन ,  दवाइयाँ , वैक्सीन  आदि  का  अविष्कार  नहीं  हुआ  था   तब  प्रत्येक  देश  की  अपनी  चिकित्सा  पद्धति   थी   जैसे  भारत  में  आयुर्वेद , यूनान की   यूनानी  चिकित्सा ---- आदि  l   उस  युग  में  प्रत्येक  देश  में  एक - से  बढ़कर  वीर  और  महान  व्यक्ति   हुए  जैसे  भारत  में  महाराणा  प्रताप ,  इटली  में  गैरीबाल्डी ,  जर्मनी  में  बिस्मार्क ,  अमरीका  में  जार्ज  वाशिंगटन    आदि   अनगिनत  महान   आत्मा  इस  धरती  पर  अवतरित  हुईं  l   वे  सब  बिना  किसी  वैक्सीन  के  ,  बिना  किसी  दवाई  के  अपने  ही  देश  की  मिट्टी   में    पालन - पोषण  पाकर  महान  बनी ,  उनके  वीरता  के  किस्से  हम  आज  भी  पढ़ते  हैं  l
  लेकिन  जब  से  कृषि  और  चिकित्सा  के  क्षेत्र  में  घाल - मेल  हुआ    तब  से  दुनिया  में  वीरता  और  महानता  का  अकाल  पड़   गया  l   कायरता  और  संवेदनहीनता  बढ़  गई  l    इन  दोनों  क्षेत्रों  में  जो  आधुनिक  तकनीक  अपनायी  गई  है  ,  उसने  मनुष्य  के  मन  पर   नकारात्मक   असर  किया  है   l   विशेषज्ञ  भी  मानते  हैं   कि    ऐसी  दवाओं   व  वैक्सीन  का  प्रभाव  6 - 8   वर्ष  बाद  दिखाई  देता  है   l   इसलिए  हम  देखते  हैं  कि   सारी   सुख - सुविधाओं  के  बावजूद  प्रतिरोधक  क्षमता  कम  हुई  है  ,  बाल  -अपराध ,  तनाव , आत्महत्या  , पागलपन  बढ़ा  है  l  मनुष्य  दिन - प्रतिदिन  निर्दयी  होता  जा  रहा  है  l   ऐसा  लगता  है  जैसे  संवेदना , करुणा   और    मानवता  को  पोषित  करने  वाली  नस - नाड़ियों   को    इस  तकनीक  ने  सुखा   दिया  है  l   सारे  संसार  को  जागरूक  होना  होगा  ,  अन्यथा  वह  दिन  दूर  नहीं   जब  मनुष्य  चलती - फिरती  लाश  बन  जायेगा  l