कारूँ को अल्लाह ने बहुत बड़ा खजाना दिया और कहा ---- " इस दौलत को नेकी में खरच कर l "
कारूँ दौलत पाकर फूला न समाया l उसने उस दौलत को बेहिसाब उड़ाना आरम्भ किया , राग - रंग और ऐशो -आराम में नष्ट करने लगा l खजाना खरच होने लगा l एक दिन जमीन हिली और कारूँ का मकान मय दौलत के उसमे फंस गया l बची दौलत का थोड़ा सा हिस्सा मिल जाये , यह सोचकर उसने आवाज लगाई l कोई भी नहीं आया l खुदा के कहर से उसे निजात नहीं मिली l कारूँ की तरह ही रातोरात अमीर बनने वालों ने इससे एक सीख ली और सोचा कि अल्लाह की मरजी पर अपनी मरजी नहीं रखनी चाहिए l परमात्मा की विभूतियाँ सदुद्देश्यों के लिए हैं l उनका दुरूपयोग विनाशकारी ही होता है l
कारूँ दौलत पाकर फूला न समाया l उसने उस दौलत को बेहिसाब उड़ाना आरम्भ किया , राग - रंग और ऐशो -आराम में नष्ट करने लगा l खजाना खरच होने लगा l एक दिन जमीन हिली और कारूँ का मकान मय दौलत के उसमे फंस गया l बची दौलत का थोड़ा सा हिस्सा मिल जाये , यह सोचकर उसने आवाज लगाई l कोई भी नहीं आया l खुदा के कहर से उसे निजात नहीं मिली l कारूँ की तरह ही रातोरात अमीर बनने वालों ने इससे एक सीख ली और सोचा कि अल्लाह की मरजी पर अपनी मरजी नहीं रखनी चाहिए l परमात्मा की विभूतियाँ सदुद्देश्यों के लिए हैं l उनका दुरूपयोग विनाशकारी ही होता है l