13 March 2022

WISDOM ----

   प्रज्ञा  पुराण  में  लिखा  है ---- "ध्वंस  सरल  है  l   उसे  छोटी  चिंगारी  एवं  सदी  कील  भी  कर  सकती  है   l   गौरव  सृजनात्मक  कार्यों  में  है  l   मनुष्य  का  चिंतन  और  प्रयास   सृजनात्मक  प्रयोजनों  में  ही  निरत  रहना  चाहिए  l  "        समय  परिवर्तनशील  है  l   संसार  में  ध्वंस  और  सृजन  होता  रहता  है    ,  इन  कार्यों  के  लिए  ईश्वर  इस  संसार  से  ही  लोगों   का चयन  करते  हैं   l   जिनके  पास  सत्कर्म  की  पूंजी  है  ,  सकारात्मक  सोच  है ,  जिनके  हृदय  में  करुणा  और  संवेदना  है  ,  सच्चाई  और  ईमानदारी  से  कर्तव्यपालन  करते  हैं    उनका  चयन  ईश्वर  सृजनात्मक  कार्यों   और  कल्याणकारी   योजनाओं  को   संपन्न कराने   के  लिए  करते  हैं  l   लेकिन  यदि  कोई  व्यक्ति  ऐसा  है   जो  विद्वान्  है ,  उसमे  अनेक   गुण   भी  हैं   लेकिन  वह  बहुत  अहंकारी  है  ,  करुणा , दया  जैसी  भावनाओं  का  अभाव  है  , छल - कपट  है  उसमे  ,  तो  ऐसे  लोगों  का  चयन  ईश्वर   ध्वंस  के  कार्यों  के  लिए  करता  है   l   जैसे  रावण , दुर्योधन ,  हिटलर , तैमूरलंग   l   ऐसे  लोग  स्वयं  अमानवीय  करते   हैं ,  कराते  हैं    और  स्वयं  अपने  कर्मों  से  इतिहास  में  अपना  नाम  ख़राब  करते  हैं   l