30 March 2024

WISDOM -----

  1    चीन  के  प्रसिद्ध  दार्शनिक  लाओत्से  ने  अपने  शिष्य  से  कहा ---  "  तुम्हे  पता  है  कि  मैं   अपने  जीवन  में  कभी  किसी  से  पराजित  नहीं  हुआ l " शिष्य  को  यह  सुनकर  बड़ा  आश्चर्य  हुआ   और  बोला --- " पर  आप  तो  बहुत  छोटे  व  दुर्बल  शरीर  के  हैं  l  ऐसे  में  आपको  कैसे  कभी   किसी  ने  नहीं  हराया  ? "  लाओत्से  हँसा   और  बोले  --- "मैंने  कभी  जीतने  की  चाहत   ही  नहीं  रखी  l  इसीलिए  हारने  का  भी  प्रश्न  ही   उत्पन्न  नहीं  हुआ  l  संसार  में  सारी  दौड़  पाने  की  है  l  इसलिए  लोग  खोने  की  सोच  से  परेशान  हो  जाते  हैं  , परन्तु  जो  भगवान  ने  दिया  है   यदि  उसी  से  संतुष्ट  है   तो  उसके  मन  को  कोई  चिंता  परेशान  नहीं  करती   और  न  कोई  बेचैनी   होती  l  "  शिष्य  की  समझ  में  आ  गया  कि  अतृप्त  कामनाएँ  ही  समस्त  दुःखों  का  कारण  हैं  l  आज  संसार  में  ' तनाव '  सबसे  बड़ी  बीमारी  है   जो  अन्य  कई  बीमारियों  को  पैदा  करती  है  l  इसका  कारण  यही  है  व्यक्ति  कुछ  न  कुछ  पाने  की  चाह  में  दौड़  रहा  है   और  यह  दौड़  भी  सीधी  नहीं  है  ,  दूसरों  को  धक्का  मार  के , कुचल  कर  आगे  बढ़ने  की  है  l  इस  तरह  की  दौड़  में  व्यक्ति  स्वयं  तो   तनावग्रस्त  होता  है   इसके  साथ  ही   दूसरों  को  धक्का  देने  और  उनका  हक  छीन  लेने  का  पाप  भी  अपने  सिर  पर  रख  लेता  है  , अपने  ही  कर्मों  के  बोझ  से  दबा  जाता  है  l