22 April 2021

WISDOM ----

  मनुष्य  जब  अपने  अहंकार  , अपनी  महत्वाकांक्षा  की  पूर्ति  के  लिए  प्रकृति  से  छेड़छाड़  करता  है   तो   उसकी  प्रतिक्रियास्वरूप  विभिन्न  समस्याएं  आती   हैं  l   संसार  के  धन - वैभव  और  शक्ति  संपन्न  व्यक्ति   जब  प्रकृति  पर  नियंत्रण  करने  के  लिए  विभिन्न  योजनाएं  बनाते  हैं  और  उन्हें  इसी  उद्देश्य  से  लागू   करते  हैं   कि   अब  वे  ही  इस  संसार  के  कर्ता -धर्ता  हैं   तो  संसार  में  ऐसी  आपदाएं  आना  स्वाभाविक  है  l   प्रकृति  स्वयं  में  संतुलित  है   l   ऐसे  पदार्थ  जो  प्राणीमात्र   के  लिए  , पर्यावरण  के  लिए  घातक  हैं  ,  वे  धरती  में  बहुत  गहराई  में  छिपे  हैं   लेकिन  स्वयं  को  ज्ञानी  समझने  वाले  मनुष्य  ने  उनको   उतनी  गहराई  से  बाहर  निकाल  लिया  l   एक  कहावत  है  ---जब  कोई  काम  न  हो  तो  ' आओ  पड़ोसन  लड़ें '  l   और  लड़ने  के  लिए  हथियार  चाहिए  ---  घातक  हथियार  बनाना , उनका  प्रयोग  करना  , पूरे   वातावरण   को जहरीला  बना  देता  है  l   इसी  तरह  विकास  की  दौड़  एक  सीमा  तक  ही  उचित  है   ,  विज्ञान   ने  पूरे   आकाश  को  सेटेलाइट  से  भर  दिया  l   धरती  से  आसमान   तक सब  प्रदूषित  हो  गया  l   यह  चिंतन  का  विषय  है    आखिर  यह  आपदा  किसकी  देन   है   l   मनुष्य  ने  स्वयं  को  विकसित  नहीं  किया   केवल  साधनों  को  ही  विकसित  किया  l   पहले  ' मन  की  शक्ति ' से  संदेश    दूर - दूर  तक  पहुँच  जाते  थे  ,  लेकिन  अब  मन , भावनाएं   सब  मर  चुकी  हैं  l  हमारा   सूचना   और  संचार  तंत्र   कितना शक्तिशाली  हो  जाये   , इसने  अनेक  पक्षियों   को लुप्त  कर  दिया  l   पक्षियों  की  लुप्त  होती  प्रजातियाँ   हमें  एक  संदेश   दे  रही  हैं  , जिसे  समझना  जरुरी  है   l