संगठन में शक्ति होती है , लेकिन यह भी जरुरी है कि वे नैतिकता , मर्यादा के आधार पर संगठित हों l अनैतिकता और अधर्म न हो l
पांडवों के अज्ञातवास से लौटने के बाद भगवान श्रीकृष्ण ने उनकी मन:स्थिति परखी और परिस्थिति को देखते हुए कौरवों से संघर्ष हेतु उन्हें महाभारत में प्रवृत किया l असमंजस को देखते हुए उन्होंने कहा -- तुम्हारा विजयी होना सुनिश्चित है , क्योंकि तुम पांच होते हुए भी एक हो और कौरव गण सौ होते हुए भी अलग - अलग मत वाले हैं l संघ शक्ति के कारण ही नीति - पक्ष की विजय होती है l
हुआ भी यही l पांडवों में कोई सेनापति नहीं था l प्रतीक रूप में पांच पांडवों को छोड़कर
धृष्टद्दुम्न को सेनापति पद दे दिया गया l संगठन - शक्ति , सहयोग - सहकार के कारण वे विजयी हुए , परन्तु कौरव गण सेनापति पद के लिए ही लड़ते रहे , परस्पर विरोध - विग्रह ही उनकी हार का मूल कारण बना l
पांडवों के अज्ञातवास से लौटने के बाद भगवान श्रीकृष्ण ने उनकी मन:स्थिति परखी और परिस्थिति को देखते हुए कौरवों से संघर्ष हेतु उन्हें महाभारत में प्रवृत किया l असमंजस को देखते हुए उन्होंने कहा -- तुम्हारा विजयी होना सुनिश्चित है , क्योंकि तुम पांच होते हुए भी एक हो और कौरव गण सौ होते हुए भी अलग - अलग मत वाले हैं l संघ शक्ति के कारण ही नीति - पक्ष की विजय होती है l
हुआ भी यही l पांडवों में कोई सेनापति नहीं था l प्रतीक रूप में पांच पांडवों को छोड़कर
धृष्टद्दुम्न को सेनापति पद दे दिया गया l संगठन - शक्ति , सहयोग - सहकार के कारण वे विजयी हुए , परन्तु कौरव गण सेनापति पद के लिए ही लड़ते रहे , परस्पर विरोध - विग्रह ही उनकी हार का मूल कारण बना l