प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन में सफल होना चाहता है , जो लक्ष्य उसने निर्धारित किया है , उसे पा लेना चाहता है l पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी ने सफलता के दो मूल मन्त्र बताएं हैं ----- अपनी क्षमता का पूर्ण उपयोग एवं ईश्वर विश्वास l ये दोनों ही सफलता की कुंजी हैं l आचार्य श्री लिखते हैं ---- हमें अपने कार्य को करने के लिए बड़ी मेहनत करनी चाहिए l जब तक हम पूरा प्रयास न कर लें तब तक हमें मेहनत करनी चाहिए l यदि प्रयास करते - करते हम थक भी जाएँ तो हमें अपनी ऊर्जा फिर से बटोरकर पुन : उस काम में जी जान से जुट जाना चाहिए l जब किसी भी कार्य को मन से , शरीर से एवं भाव से करने लगते हैं तो हम अपनी क्षमता का पूर्ण सदुपयोग करने लगते हैं l अपनी क्षमता का पूर्ण उपयोग करने के साथ हमें ईश्वर पर भरोसा करना ही चाहिए l इसका अर्थ है कि हम यह भावना रखते हुए भगवान से प्रार्थना करें कि हे प्रभु ! हम अपनी सम्पूर्ण क्षमता लगाकर जो कर सकते थे कर चुके l हमारी क्षमता सीमित है परन्तु आप पूर्ण व अनंत हैं , आपकी क्षमता व ऊर्जा कभी खत्म होने वाली नहीं है l अब हमारा सफल होना या न होना केवल आपके वश में है , हमें आप पर पूर्ण विश्वास है , आप हमारी मदद करें l यही है ईश्वर विश्वास l "
6 August 2021
WISDOM ------
महाराष्ट्र के प्रख्यात विद्वान् पंडित परचुरे शास्त्री को कोढ़ की बीमारी हो गई l परिवार व समाज ने उन्हें उपेक्षित कर दिया l गहन निराशा में उन्होंने निश्चय किया कि वे अपना अंतिम समय बापू के आश्रम में बिताएंगे और वे सेवाग्राम के पास एक निर्जन मार्ग पर लेट गए l उन्हें बहुत लोगों ने देखा , परन्तु सेवा के लिए कोई आगे नहीं आया l बापू को जैसे ही यह पता चला तो वे तुरंत उनको आश्रम ले आये और उनकी महीनों तक सेवा की l परचुरे शास्त्री बापू के सदव्यवहार से स्वस्थ हो गए l बापू ने कोरे उपदेश नहीं दिए , वे जो कहते थे उसको अपने आचरण से सिद्ध करते थे l
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