6 August 2021

WISDOM -----

   प्रत्येक  व्यक्ति  अपने  जीवन  में   सफल  होना  चाहता  है ,  जो  लक्ष्य  उसने  निर्धारित  किया  है  ,  उसे  पा  लेना  चाहता  है  l   पं. श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी  ने  सफलता  के  दो  मूल  मन्त्र  बताएं  हैं  -----  अपनी क्षमता  का  पूर्ण  उपयोग    एवं   ईश्वर     विश्वास   l   ये  दोनों  ही  सफलता  की  कुंजी  हैं   l   आचार्य  श्री  लिखते  हैं ----  हमें  अपने   कार्य  को  करने   के  लिए  बड़ी  मेहनत  करनी  चाहिए   l   जब  तक  हम   पूरा     प्रयास      न  कर  लें   तब  तक  हमें   मेहनत  करनी  चाहिए  l   यदि  प्रयास  करते - करते  हम   थक  भी  जाएँ   तो  हमें  अपनी  ऊर्जा  फिर  से  बटोरकर   पुन  :  उस  काम  में  जी  जान  से  जुट  जाना  चाहिए   l   जब  किसी  भी  कार्य  को  मन  से  , शरीर  से  एवं  भाव  से  करने  लगते  हैं   तो  हम  अपनी  क्षमता  का  पूर्ण    सदुपयोग    करने  लगते  हैं    l   अपनी   क्षमता  का  पूर्ण   उपयोग  करने  के   साथ  हमें    ईश्वर  पर  भरोसा  करना  ही  चाहिए   l   इसका  अर्थ  है   कि   हम  यह  भावना  रखते  हुए    भगवान  से  प्रार्थना  करें   कि   हे  प्रभु   !  हम  अपनी  सम्पूर्ण  क्षमता  लगाकर  जो  कर  सकते  थे    कर  चुके   l   हमारी  क्षमता  सीमित   है  परन्तु  आप   पूर्ण  व  अनंत  हैं  ,  आपकी  क्षमता  व  ऊर्जा  कभी  खत्म  होने  वाली  नहीं  है   l   अब  हमारा  सफल  होना  या  न  होना    केवल  आपके  वश  में  है  ,  हमें  आप  पर  पूर्ण  विश्वास  है  ,  आप  हमारी  मदद  करें  l   यही  है  ईश्वर  विश्वास   l  "  

WISDOM ------

   महाराष्ट्र  के  प्रख्यात  विद्वान्  पंडित  परचुरे  शास्त्री  को  कोढ़  की  बीमारी  हो   गई  l  परिवार  व  समाज  ने  उन्हें  उपेक्षित  कर  दिया  l   गहन  निराशा  में  उन्होंने  निश्चय  किया  कि   वे  अपना  अंतिम  समय   बापू  के  आश्रम  में  बिताएंगे   और  वे  सेवाग्राम  के  पास   एक  निर्जन  मार्ग  पर  लेट  गए   l   उन्हें  बहुत  लोगों  ने  देखा  , परन्तु  सेवा  के  लिए  कोई  आगे  नहीं  आया   l   बापू  को  जैसे  ही  यह  पता  चला   तो  वे  तुरंत  उनको   आश्रम  ले  आये   और  उनकी  महीनों  तक  सेवा  की   l  परचुरे  शास्त्री   बापू  के  सदव्यवहार   से  स्वस्थ  हो  गए  l   बापू  ने  कोरे  उपदेश  नहीं  दिए  ,  वे  जो  कहते  थे  उसको  अपने  आचरण  से   सिद्ध  करते  थे   l