10 December 2019

WISDOM -----

 पं. श्री  राम  शर्मा  आचार्य जी  का  कहना  है ---- " मैं  !  मैं  !  सारी   दुनिया  इस  मैं  के  कारण   ही  पागल  है   l   यह  ' मैं '  एक  काला  विषधर  सांप  है   l   इस  महा विषैले  सर्प  ने  जिसको  डस   लिया  उसकी  खैर  नहीं   l   अहं   का  विष  ही  सारी   पीड़ाओं  का  कारण   है   l   जितना  बड़ा  अहंकार  उतनी  बड़ी  पीड़ा  l  "
  आचार्य श्री  कहते  हैं ---- " सम्मान  , प्रसिद्धि  , यश  ,  बड़ा  आदमी  होने  का  स्वांग ,  ये   सब अहंकार  के  ही   विभिन्न  रूप  हैं    l   अहंकारी  व्यक्ति  को   सुखी  करना  असंभव  है