23 January 2019

WISDOM ------ ह्रदय की पवित्रता में ईश्वर का निवास होता है

    स्वामी  विवेकानंद  कश्मीर  के क्षीर  भवानी  मंदिर  गए  l  देखा  मंदिर  टूटा  हुआ  था  l  मन - ही - मन  निश्चय  किया  कि  इतना  सुन्दर मंदिर  ,  इतना  पुराना  भव्य  शिल्प  ,  मैं  इस  मंदिर  को  बनवाऊंगा  l  कहा  जाता है कि  भगवती  साक्षात्  प्रकट  हुईं  और  बोलीं ---- " मैंने  त्रिभुवन  का  निर्माण  किया  है  l  तू  मेरे  लिए  क्या  बनाएगा  !   भगवन  के  लिए  कुछ बनाना  है  , तो  घर - घर में  ईश्वरीय  प्रेरणा  फैला  l  सब  घरों  को   आदर्श  स्वर्ग  जैसा  अनुपम  बना  l  "  स्वामीजी  ने  माँ  का  आदेश  शिरोधार्य  किया   एवं  वही  कार्य  जीवन  भर  किया  l