6 October 2020

WISDOM -----

   आज   भी आध्यात्मिक  विषयों  में    संसार  भर  के  जिज्ञासु   भारत  को   उसके  प्राचीन  ' जगद्गुरु ' भाव  से   देखते  हैं  और  आत्मिक  शांति   प्राप्त  करने  के  उद्देश्य  से  यहाँ  आते  हैं  l   इस  संबंध   में  आर्य  समाज  के  परम  विद्वान   महात्मा  आनंद  स्वामी  ने   अपने  अनुभव  की  एक  घटना  बतलाई  है -------- " पहली  बार  1950  में   जब  मैं   गंगोत्री  गया   और  वहां  एक  कुटिया  बना  कर   योगाभ्यास  करने  लगा   तो  उन्ही  दिनों दिनों  अमेरिका  से    एक  शिक्षित  पति - पत्नी   वहां  पहुंचे  l  एक  दिन  बातचीत  में  दुनिया  में  दुःखों   की  चर्चा  चली   तो  मैंने  अमेरिकन  सज्जन  से  पूछा ----  ' हम  लोग  अभी  तक  यही  सुनते   रहते  हैं  कि   अमेरिका  बड़ा  धनी    देश  है  l   मानव  के  सुख , आराम   तथा  ऐश्वर्य  के  हर  प्रकार  के  साधन   हैं  l   तब  इतनी  सब  सुख - सुविधा   और  आराम  छोड़कर   आप  गंगोत्री  जैसे  स्थान   पर क्यों  आए  l   यहाँ  तो  ठहरने  का  न  तो  उत्तम  स्थान  है  ,  न  ही  कोई  सुविधा  l  आपको  अमेरिका  जैसे  वैभवशाली  देश  से  कौन  सी   वस्तु    यहाँ    खींच   लाई l "  इस  पर  अमेरिकन  सज्जन  ने  बड़ी  गंभीरता  से  कहा ---- " वह  वस्तु  जो   वैभवशाली  अमेरिका  में  नहीं  है  ,  परन्तु  यहाँ  हमको  प्राप्त  हो  गई  है  ,  उसका  नाम  है --- शान्ति   और  आनंद   l