22 September 2020

WISDOM -----

   इस  संसार  में  व्यक्ति  को  सर्वाधिक  आकर्षित  करती  है  ---- सुख  की  चाह  l  इस  सुख  को  पाने  के  लिए  वह  तरह - तरह  के  प्रलोभनों  में   फँसता   है ,  वह  सुख  की  चाह  में  केवल  भ्रमित  होता   रहता  है  ,  लेकिन  उसे  वास्तविक  सुख  नहीं  मिल  पाता   l   महत्वपूर्ण  बात  यह  है  कि    व्यक्ति  को  जो  सुख  मिला  है  , वह  उसमें  खुश  नहीं  होता  ,  वह  चाहता  है  कि   दूसरों  के  हिस्से  का  सुख  भी  उसे  ही  मिल  जाये   l   दूसरों  का  सुख  उससे  सहन  नहीं  होता   और  अपने  सुखों  के  खो  जाने  का  भय  उसे  दिन - रात  सताता  है   l   संसार  में  आज  ऐसे  ही  लोगों  की  अधिकता  है  ,  जिनमे  त्याग  का   भाव    नहीं  है  l  पुराणों  में  कथा  है --- महाराज  ययाति  की  l  उनकी  इच्छाएं  कभी  पूरी  नहीं  हुईं  l   उन्होंने  अपने  पुत्र - पौत्रों  से  यौवन  की  भीख  मांगी  ,  हजारों  वर्षों  तक   सुख - भोग  भोगने  के  बाद  भी  उन्हें  तृप्ति  नहीं  हुई   अंत  में  उन्हें  गिरगिट  की  योनि  प्राप्त  हुई   l   हमारे  ऋषियों  ने     सुख - भोग  को  मर्यादित  करने  के  लिए  ही   आश्रम - व्यवस्था  की  ,  मनुष्यों  को  त्याग   करने    और  आने  वाली  पीढ़ियों  के  लिए  स्थान  रिक्त  करने  की  सलाह   दी  l   लेकिन   संसार   में   दुर्बुद्धि  का  ऐसा  प्रकोप  है    कि   ज्यों - ज्यों  जीवन  हाथ  से  छूटने  का  समय  करीब  आता  है  ,  व्यक्ति  उसे  और  तेजी  से  पकड़ना  चाहता  है   और  चाहता  है  कि   कितना  सुख  भोग  लें  ,  इस  सुख  के   लिए  चाहे  संसार  को  युद्ध  के  दावानल  में  ही     क्यों  न  झोंखना   पड़े    l