16 May 2022

WISDOM-----

   जन्म  और  मृत्यु  प्रकृति  का  अनिवार्य  नियम  है  l  मृत्यु  कोई  नहीं  चाहता ,  सब  अमर  होना  चाहते  हैं   और  असुर    तो  अमर  होने  के  लिए   कठिन साधना  और  तपस्या  कर  लेते  हैं   l  आचार्य श्री  लिखते  हैं ---- ' असुर  ईश्वर  से  अमरता  की  याचना  करते  हैं   और  इसके  न  मिलने  पर   मृत्यु  को  असंभव  बना  देने  वाले  वरदान  मांगते  हैं  l  ये  वरदान  उन्हें  मिल  भी  जाते  हैं   l  फिर  सही  समय  पर ,   सही  स्थान  में   उनकी   मृत्यु  --उन्ही  के  बताये  रास्ते  के  अनुसार   उन्हें  खोज  लेती  है   l  उनके  वरदान  के  अनुसार  ही  प्रकृति  उनकी  मृत्यु  का   स्वरुप  व  स्थान  तय  करती  है  l  मृत्यु  से  बचने  का  कोई  प्रयास   उनके  काम  नहीं  आता  l  उनके  द्वारा  मृत्यु  को  असंभव  बनाने  के  लिए  किए  गए  सभी  प्रयास   ही   उनकी  मृत्यु  को   संभव  बना  देते  हैं   l  '     वर्तमान  युग  में  भी  देखें   तो   मनुष्य  की  बुद्धि  ने  अमर  होने  के  लिए   कोई  कोर - कसर    नहीं  छोड़ी   l    प्रकृति  के  नियम  में  दखल  देने  का परिणाम,   अपने  जीवन  के  लिए  प्रकृति  को  नष्ट  भ्रष्ट  करने   का  प्रयास   ,  प्रकृति  को  अपना  रौद्र  रूप  दिखाने  को  विवश  कर  देता  है   l     मृत्यु  से  बचने  के   बजाय  जीवन  को  सार्थक  करने  का  प्रयास  करना  चाहिए    लेकिन  यह  मनुष्य  की  दुर्बुद्धि  है  कि   वह  स्वयं  प्रकृति  के  हर  कण  को  प्रदूषित  करता  है    ,  अमर  होना  तो  संभव  ही  नहीं  है  ,  वह  तरह - तरह  की  बीमारियों  से  ग्रस्त  होकर  अपने  जीवन  को  भार  समझ  कर  ढोता  है   l   ऐसा  विकास  जो  विनाश  कर  दे  -- उसे  स्वीकार   नहीं  करने  के  लिए   सम्पूर्ण  मानव  जाति  को  जागरूक  होना  पड़ेगा  l