28 May 2021

WISDOM -------

   इस  संसार  में  अच्छाई  और  बुराई  दोनों  का  अस्तित्व  है   l   अच्छाई  अपने  आप  में  इतनी  मजबूत  होती  है  कि   उसे   संसार  में  फैलने  के  लिए  किसी  सहारे  की  जरुरत  नहीं  होती    l   अच्छाई  का  मार्ग  कठिन  है  इसलिए  इसे   फैलने  में  थोड़ा  वक्त  लगता  है   l   लेकिन  बुराई  के  संबंध   में  सबसे  महत्वपूर्ण  बात  यह  है   कि   बुराई   चाहे  किसी  छोटी  सी  संस्था  में  फैले  या  राष्ट्र  में  या  अंतर्राष्ट्रीय  स्तर  पर  फैले  ,  यह  बिना  किसी  मजबूत  सहारे  के  नहीं  फ़ैल  सकती   l   बुराई  की  राह  बहुत  सरल  है  ,  एक  मजबूत  सहारा  मिलते  ही   यह  बड़ी  तेजी  से  फैलती  है   और  अपने  को  सहारा  देने  वाले  को  डुबाकर  ही  दम   लेती  है   l ------ कहते  हैं   जो  कुछ  महाभारत  में  है  वही  इस  धरती  पर  है    l   महाभारत  के  लिए  कहा  जाता  है -- न  भूतो  न  भविष्यति  '   l   और  इसके  लिए  प्रत्यक्ष  रूप  से  दुर्योधन   उत्तरदायी  था  l   भगवान  कृष्ण  के  समझाने  से  भी  वह  नहीं  समझा     लेकिन  दुर्योधन   ऐसा    क्यों  था   ?    बुराई  का  एक  जीता -जागता  , नकारात्मक  शक्तियों  का  पुंज   ' शकुनि '  था   जो  दुर्योधन  की  माता  गांधारी  का  भाई  था  ,  उसने  अपनी  नकारात्मक  शक्तियों  के  विस्तार  के  लिए  दुर्योधन  के  माध्यम  से   धृतराष्ट्र   का  सहारा  लिया   l   धृतराष्ट्र  अंधे  होने  के  साथ  मोहान्ध  भी  थे  ,    दुर्योधन  की  किसी  भी  बात  को  वो  इनकार   नहीं  करते  थे   l   इसी  का  फायदा  शकुनि  ने  उठाया ,  वह  निरंतर  दुर्योधन  के  मन  में  पांडवों  के  विरुद्ध  विष  के  बीज  बोता     रहा   l   पांडवों  के  विरुद्ध  जितने  भी  षड्यंत्र  रचे  गए   , वे  सब  शकुनि   के    दिमाग   की  उपज  थे    l   शकुनि  के  भीतर  जो  इतनी  नकारात्मकता  थी  , वह  उसकी  कुंठा  थी  ,  एक  बात   उसके  हृदय  में  घाव  की  तरह  थी   कि   उसकी  बहन   गांधारी     का  विवाह     जिससे  हुआ   वह  अंधे  हैं   l   अपने  इस  घाव  को  वह  दुर्योधन  को  युवराज  बनाकर  धोना  चाहता  था   l   कहीं  कुंठा ,  कहीं  बदले  की  भावना   नकारात्मक  शक्तियों  को  आमंत्रित  कर  लेते  हैं   l   शकुनि  स्वयं  मारा  गया  ,  कौरव  वंश  समाप्त  हो  गया   l     हमारे  महाकाव्य  हमें  जीना  सिखाते  हैं  ,  यदि  हमारे  पास  शक्ति  है  , वैभव  है   तो  जागरूक  रहें  ,  बुराई  को  पनाह  न  दें   l