18 April 2024

WISDOM ------

  समय  परिवर्तनशील  है , वक्त  के  साथ  सब  कुछ  बदल  जाता  है  l  एक  समय  था  जब   विभिन्न  सत्ताधारियों  के  अहंकार  और  महत्वाकांक्षा  के  कारण  बड़े -बड़े  युद्ध  होते  थे  जैसे  रावण   के  अहंकार  के  कारण  ही  राम -रावण  युद्ध   और  दुर्योधन  के  अहंकार  के  कारण  महाभारत  हुआ  l  इस  युग  में  भी  सिकंदर , हिटलर  आदि  के  अहंकार  ने  ही  संसार  में  तबाही  मचाई  l  लेकिन   वर्तमान  के  युद्धों  में  अहंकार , महत्वाकांक्षा  जैसी  कोई  बात  स्पष्ट  नहीं  है  l  अहंकार   जैसे  दुर्गुण  को  भी  ' धन '  ने  खरीद  लिया  l  यदि  हम  सामान्य  द्रष्टि  से  भी  देखें  तो  इन  युद्धों  में   धन -वैभव  संपन्न  लोगों  का , राजा , बड़े  अधिकारी  , शक्ति   सम्पन्न  , समर्थ  लोगों  का  कोई  नुकसान  नहीं  होता  , वे  सब  सुख -वैभव  और  आराम  की  जिन्दगी  जीते  हैं  l  निर्दोष  प्रजा , कमजोर   लोग  ही  मारे  जाते  हैं  ,  मानों  वे  ही  बड़ी  हुई  जनसँख्या   और  धरती  पर  बोझ  हैं  l  वक्त  के  साथ  युद्ध  के  मायने  ही  बदल  गए  l  मारक  हथियार , बम  आदि  भी  बोलने  लगे  हैं  कि  जल्दी  इस्तेमाल  करो   ताकि  और  नए  , पहले  से  भी  घातक  बने   जिससे  ' फालतू ' जनसँख्या   को  देख  लें  l  इस  तरह  के  युद्ध  एक  छिपी  हुई  चाहत  को  दिखाते  हैं  कि  यह  धरती  केवल  धन  और  शक्ति , वैभव  संपन्न  लोगों  के  लिए  है   यहाँ  प्रकृति , पर्यावरण , छोटे -मोटे  प्राणी   किसी  की  कोई  जरुरत  नहीं  है  , कृत्रिम  से  काम  चलेगा  l  यह  सत्य  है  कि  ' धन  से  व्यक्ति  सब  कुछ  खरीद  सकता  है  l '  लेकिन  धन  से   उस  अज्ञात  शक्ति  , परम  पिता  परमेश्वर  को  भी  कोई  खरीद  सकता  है  क्या  ?   इसका  उत्तर  ' वक्त ' के  हाथ  में  है  l