प्रकाश और संतुलन का प्रेरणा पर्व है -दीपावली |
दीपावली लक्ष्मी का पर्व माना गया है | लक्ष्मी से तात्पर्य है - अर्थ-धन | लक्ष्मी जीवन-साधना का , विकास की ओर बढ़ने का सहारा है | हम लक्ष्मी को माँ समझकर उसे अपने जीवन को विकसित , सामर्थ्यवान बनाने के लिये उपयोग करें , न कि भोग-विलास तथा ऐशोआराम के लिये |
आवश्यकतानुसार खर्च करना , उपयोगी कार्यों में लगाना , नीति , श्रम और न्याय से धनोपार्जन करना , बजट बनाकर उसकी क्षमता के अनुसार खर्च करना , आर्थिक क्षेत्र में संतुलन तथा व्यवस्था कायम रखना - यह सब दीपावली पर्व का संदेश है |
यदि हमारे जीवन का प्रत्येक कोना भावना और साधना की परम ज्योति से ज्योतित हो और हमारा प्रत्येक आचरण कर्म और आदर्श से मंडित हो तो हमारा जीवन न केवल प्रकाश से पूर्ण होगा , बल्कि हम लक्ष्मी की वैभव- विभूति , उसकी श्रीसंपदा से भी लाभान्वित होगें |
इस पावन-वेला में दीपों की पंक्तियां कुछ इस तरह जगमगाएं कि विश्व में सद्बुद्धि का उजाला बढ़े | सद्बुद्धि का यह उजाला ही सम्रद्धि को सुरक्षित और विकसित करने का आधार है |
सद्ज्ञान और सद्बुद्धि के साथ सम्रद्धि का समन्वय ही इस पर्व की प्रेरणा है | हमारे जीवन में यह चरितार्थ हो , तभी दीपावली मनाने की सार्थकता है |
लक्ष्मी कमल पर आसीन है | कमल विवेक का प्रतीक है | पंक से उत्पन्न होकर भी पंक रहित , स्वच्छ , पावन , सुगंधित | संपति तभी वरेण्य है , जब वह पवित्रता पर आधारित हो |
दीपावली लक्ष्मी का पर्व माना गया है | लक्ष्मी से तात्पर्य है - अर्थ-धन | लक्ष्मी जीवन-साधना का , विकास की ओर बढ़ने का सहारा है | हम लक्ष्मी को माँ समझकर उसे अपने जीवन को विकसित , सामर्थ्यवान बनाने के लिये उपयोग करें , न कि भोग-विलास तथा ऐशोआराम के लिये |
आवश्यकतानुसार खर्च करना , उपयोगी कार्यों में लगाना , नीति , श्रम और न्याय से धनोपार्जन करना , बजट बनाकर उसकी क्षमता के अनुसार खर्च करना , आर्थिक क्षेत्र में संतुलन तथा व्यवस्था कायम रखना - यह सब दीपावली पर्व का संदेश है |
यदि हमारे जीवन का प्रत्येक कोना भावना और साधना की परम ज्योति से ज्योतित हो और हमारा प्रत्येक आचरण कर्म और आदर्श से मंडित हो तो हमारा जीवन न केवल प्रकाश से पूर्ण होगा , बल्कि हम लक्ष्मी की वैभव- विभूति , उसकी श्रीसंपदा से भी लाभान्वित होगें |
इस पावन-वेला में दीपों की पंक्तियां कुछ इस तरह जगमगाएं कि विश्व में सद्बुद्धि का उजाला बढ़े | सद्बुद्धि का यह उजाला ही सम्रद्धि को सुरक्षित और विकसित करने का आधार है |
सद्ज्ञान और सद्बुद्धि के साथ सम्रद्धि का समन्वय ही इस पर्व की प्रेरणा है | हमारे जीवन में यह चरितार्थ हो , तभी दीपावली मनाने की सार्थकता है |
लक्ष्मी कमल पर आसीन है | कमल विवेक का प्रतीक है | पंक से उत्पन्न होकर भी पंक रहित , स्वच्छ , पावन , सुगंधित | संपति तभी वरेण्य है , जब वह पवित्रता पर आधारित हो |