13 February 2023

WISDOM -----

   1.  दो  बीज  धरती  को  गोद  में  जा  पड़े  l  मिटटी  ने  उन्हें  ढँक  दिया  l  दोनों  रात  में  सुख  की  नींद  सोए  l  प्रात:काल  दोनों  जगे   तो  एक  के  अंकुर  फूट  गए  , वह  ऊपर  उठने  लगा  l  यह  देख  छोटा  बीज  बोला  --- " भैया  ! वहां  बहुत  भय  है  , लोग  तुझे  रौंद  डालेंगे  , मार  डालेंगे  l " बीज  सब  सुनता  रहा  और  चुपचाप  ऊपर  उठता  रहा  l  धीरे -धीरे  धरती  की  परत  पार  कर   ऊपर  निकल  आया  l  सूर्य  देवता  ने   धूप  स्नान  कराया   और  पवन  देव  ने  पंखा   डुलाया  l  वर्षा  आई  और  शीतल  जल  पिला  गई  , किसान  आया  और  बिस्तर  लगाकर   चला  गया  l  बीज  बढ़ता  ही  गया  l  लहलहाता , फूलता -फलता  हुआ  बीज   एक  दिन  परिपक्व  अवस्था  तक  जा  पहुंचा  l  जब  वह  इस  संसार  से  विदा  हुआ   तो  अपने  जैसे  असंख्य  बीज   छोड़कर   हँसता  हुआ   और  आत्म संतोष   अनुभव  करता  विदा  हो  गया  l  मिटटी  के  अन्दर  दबा  बीज   यह  देखकर  पछता  रहा  था  कि --भय  और  संकीर्णता  के  कारण   मैं  जहाँ  था  , वहीँ  पड़ा  रहा   और  मेरा  भाई  असंख्य  गुनी  समृद्धि   पा  गया  l  

2 .  एक  मंदिर  बन  रहा  था  l  देश  भर  से  आए  शिल्पी   पत्थरों  पर  छेनी  से  काम  कर  रहे  थे  l  कारीगरों  के  मुखिया  ने  एक  पत्थर  को  बेकार  समझकर  फेंक  दिया  l  रास्ते  में  पड़ा  वह  पत्थर   राहगीरों  के  पैर  की  ठोकरें  खाता  रहा   और  स्वयं  को  अभागा  समझता  रहा  l   एक  दिन  एक  राज कलाकार  उधर  से  गुजरा  , उसने  वह  बेकार  पत्थर  उठाया  और   छेनी , हथोड़े  की  मदद  से  एक  सुन्दर  मूर्ति  तैयार  कर  दी   l  सबने  उसकी  बहुत  प्रशंसा  की  l  कलाकार  बोला --- " मैं  तो  औरों  की  तरह  ही  हूँ  l  जो  पत्थर  में  से  प्रकट  किया , वह  था  तो  पत्थर  के   अंदर  ही  l  मैंने  तो  मात्र  उसे  पहचाना  और  उकारा  है  l "    हम  सबके  भीतर  भी   महानतम , श्रेष्ठतम  बनने  की   संभावनाएं  हैं  l  कभी -कभी   जीवन  को  गढ़ने  वाला   कोई  कलाकार , गुरु , मार्गदर्शक  मिल  जाता  है   तो  हम  क्या  से  क्या  बन  जाते  हैं  l