3 November 2022

WISDOM ----

  भौतिक  प्रगति  के  साथ  यदि  मानवीय  मूल्यों  का  ज्ञान  न  हो  तो  वह  प्रगति  मानवता  का  हित  नहीं  करती  l   हमारे  प्राचीन  ग्रंथों  में  उल्लेख  है  कि   ब्रह्मास्त्र , नारायण अस्त्र , पाशुपत अस्त्र  आदि  ऐसे  अनेक  अस्त्र  मन्त्र  की  शक्ति  से  संचालित  थे  उनका  प्रयोग  केवल   अन्याय  और  अधर्म  के  नाश  के  लिए  ही  किया  जाता  था  , इन्हें   संधान  करने  के  बाद  यदि  आवश्यक  हो  तो  लौटाया   भी  जा  सकता  था  l  लेकिन  आज  विज्ञान  अकेला  है  , उसके  साथ  अध्यात्म  नहीं  है  l   एक  से   बढ़कर  एक  घातक  बम  आदि  हैं  जिनका  मानवीय  मूल्यों  से  कोई  लेना  देना  नहीं  है ,  उनके  इस्तेमाल  से  महिलाएं , बच्चे , निर्दोष  प्राणी  सब  मरते  हैं  l  अध्यात्म रहित   शक्ति   चाहे  वह   अस्त्र -शस्त्र  निर्माण  में  हो , चिकित्सा  या  किसी  भी  क्षेत्र  में  हो  , उसमें  स्वार्थ  प्रबल  होता  है  इसलिए  वह  मानवता  का  अहित  करती  है  l   एक  कथा  है ----एक  बार  चार  मित्र  यात्रा  पर  निकले  l  उनमें  तीन  बुद्धिहीन  वैज्ञानिक  थे   और  एक  बुद्धिमान  था  l  मार्ग  में  उन्हें  एक  मरे  हुए  शेर  का  अस्थि पंजर  मिला  l  बुद्धिहीन  वैज्ञानिकों  ने  सोचा  क्यों  न  हम  इस  पर  अपनी  विद्या   की  परीक्षा  कर  लें  l  तुरंत  एक  ने  उसका  अस्थि  संचय  किया  ,  दूसरे  ने  उसमें   चर्म मांस , रुधिर  संचारित  किया   l  तीसरा  उसमें  प्राण  डालने  ही  वाला  था  कि  बुद्धिमान  ने  कहा  कि  --अरे , अरे  यह  आप  क्या  कर  रहे  हैं  ?  आप  सिंह  को  जीवित  कर  रहे  हैं  l  वह  जीवित  होते  ही  हमें  खा  जायेगा  l  पहले  अपनी  रक्षा  का  उपाय  तो  कर  लो  l '  लेकिन  किसी  ने  उसकी  बात  नहीं  मानिल  अत:  वह  अकेला  ही  पेड़  पर  चढ़  गया  l   तीसरे  बुद्धिहीन  वैज्ञानिक  ने  जैसे  ही  उसमें  प्राण  डाले  ,  शेर  जीवित  होकर  उन  तीनों  को  खा  गया  l   आज  संसार  की  यही  स्थिति  है   l  मनुष्य  स्वयं  के  और  समूची  मानवता  के  विनाश  में  ही  जुटा  है  ,  चेतना  को  परिष्कृत  करने  का  कहीं  कोई  विकल्प  नहीं  है  l