5 June 2018

WISDOM ----- प्रकृति - पर्यावरण के साथ भावनात्मक साहचर्य ही इनसान को नई जिन्दगी दे सकता है l

 " प्रकृति   सीधी - सौम्य  गाय है   और  क्रुद्ध  सिंहनी  भी   l  यदि  उसके  साथ  अनर्गल   और  अनौचित्य पूर्ण  व्यवहार    न    किया  जाये  तो   अनन्त  काल  तक  अपने   दूध  रूपी  अनेक  तरह  की  संपदाओं  से   हमारा  पालन - पोषण  करती  रह  सकती  है  ,  पर  यदि  प्रदूषण - संदोहन  की   नोच - खसोट   और  छीना - झपटी  का   दुर्व्यवहार  किया  गया  तो   क्रुद्ध  सिंहनी  की  तरह    अंग - भंग  करने   में ,  चीरने - फाड़ने  में   कोई  कोर - कसर  नहीं  छोड़ेगी  l  अच्छा  यही  है  कि  हम  उसकी  गोद  में  फलें - फूलें  l  इसके  लिए  ध्यान  रखना  होगा  कि  हम  अपने  आस - पास  के   वातावरण  को   हरा - भरा  बनायें , प्रदूषण  मुक्त  रखें  l  "
                                                                        परम पूज्य  गुरुदेव  पं. श्रीराम  शर्मा  आचार्य