" प्रकृति सीधी - सौम्य गाय है और क्रुद्ध सिंहनी भी l यदि उसके साथ अनर्गल और अनौचित्य पूर्ण व्यवहार न किया जाये तो अनन्त काल तक अपने दूध रूपी अनेक तरह की संपदाओं से हमारा पालन - पोषण करती रह सकती है , पर यदि प्रदूषण - संदोहन की नोच - खसोट और छीना - झपटी का दुर्व्यवहार किया गया तो क्रुद्ध सिंहनी की तरह अंग - भंग करने में , चीरने - फाड़ने में कोई कोर - कसर नहीं छोड़ेगी l अच्छा यही है कि हम उसकी गोद में फलें - फूलें l इसके लिए ध्यान रखना होगा कि हम अपने आस - पास के वातावरण को हरा - भरा बनायें , प्रदूषण मुक्त रखें l "
परम पूज्य गुरुदेव पं. श्रीराम शर्मा आचार्य
परम पूज्य गुरुदेव पं. श्रीराम शर्मा आचार्य