14 June 2018

WISDOM ----- अनीति और अत्याचार के विरुद्ध जनमानस का जागना जरुरी है

  गुरु  गोविन्दसिंह  ने   अपने  समय  की  दुर्दशा  का  कारण  जन - समाज  की  आंतरिक  भीरुता  को  माना  l  उनका  निष्कर्ष  था  कि  जब  तक  जन आक्रोश  नहीं  जागेगा   तब  तक  पददलित   स्थिति  से  उबरने  का   अवसर  न  मिलेगा  l   उन्होंने  संघर्ष  के  लिए  जनमानस  को  ललकारा  l 
  जब  अर्जुन  महाभारत  के  महासमर  से   भागना  व  बचना  चाहते  थे   तब  भगवान  श्री कृष्ण  ने  उन्हें  समझाया  ----  ऐसा  कर  के  तुम  कहीं  भी  चैन  से  न  बैठ  सकोगे  l  पाप  को  हम  न  मारें  ,  अधर्म,  अनीति  का  संहार   हम  न  करें  ,  तो   निर्विरोध  स्थिति  पाकर   ये  पाप , अधर्म   व  अनीति   हमें  व  हमारी  सामाजिक  व्यवस्था   को   मार  डालेंगे   l   इसलिए  जीवित  रहने  पर   सुख  और  मरने  पर  स्वर्ग  का   उभयपक्षीय  लाभ  समझाते  हुए   उठ  खड़े  होने  का  उद्बोधन  भगवान  श्री कृष्ण  उन्हें   देते  हैं   l  
  समझाने   और  सज्जनता  की   नीति  हमेशा  सफल  नहीं  होती   l  दुष्टता  को  भय  की    भाषा  ही  समझ  में  आती  है  l  नीति  शास्त्र  में    साम  की  तरह  दंड  को  भी    औचित्य  की  संज्ञा  दी गई है   l