23 January 2022

WISDOM ------

   अणुबम  कितना  शक्तिशाली  होता  है  कि   उसके  दुष्परिणाम  भावी  पीढ़ियों  को  भी  दशकों  तक  झेलने  पड़ते  हैं    l    विनाश  तो  पल भर  में  हो  जाता  है  ,  पुनर्निर्माण  की  प्रक्रिया  दीर्घकाल  तक    चलती    है   l  कहते  हैं  मनुष्य   का  मन  परमाणु  बम  से  भी  ज्यादा  शक्तिशाली  है   l मन  से  उठने  वाली  तरंगे , विचार  वायुमंडल  में  रहते  हैं   l   युद्ध , दंगे  बम  विस्फोट  जैसी  घटनाओं  के  बाद   भौतिक  रूप  से  पुनर्निर्माण  के  कार्य  तो  किए   जाते  हैं   लेकिन  इन  युद्धों , दंगे ,  जाति  , धर्म , रंग भेद  , ऊंच - नीच   आदि  के  कारण  कितने  बच्चे - बूढ़े   निर्दोष  व्यक्ति  बेरहमी   से  मारे  गए  ,  उनके  मन , आत्मा  से  निकलने  वाली  कराह ,  चीत्कार    जो   अणु  विस्फोट  से  भी  ज्यादा  शक्तिशाली  हैं  वायुमंडल  में  भर  गईं  l   वे  देश ,  वे  क्षेत्र  जहाँ  उत्पीड़न , लूटपाट ,भेदभाव ,   हत्याएं  आदि  हृदयविदारक  घटनाएं  बहुत  हुई  हैं  ,  यदि  निष्पक्ष  रूप  से  वहां  सर्वेक्षण  किया  जाये  तो  यह  सत्य  सामने  आएगा   कि   आज  भी  उन  क्षेत्रों  में  अपराध  किसी  न  किसी  रूप  में  ज्यादा  होते  हैं , वातावरण  बोझिल  है ,  लोग    संपन्न  होने  के  बावजूद  भी  तनाव   , मानसिक  बीमारियों    आदि   से  पीड़ित  हैं  l   जो  क्षेत्र  डाकुओं  की  समस्या  से  ग्रस्त  थे  ,  वहां  लोगों  में  षड्यंत्र , साजिश , हक   छीनना   आदि  आपराधिक  मनोवृति  होगी   l   जो  क्षेत्र  दंगा रहित  रहे ,   पवित्र   धार्मिक  स्थल  हैं   वहां  शांति  सद्भाव  देखने  को  मिलेगा  l   जिन  स्थानों  पर  एक्सीडेंट    बहुत  होते  हैं ,   वहीँ  पर  अक्सर  होते  हैं   l    मनुष्य के  भीतर  देवता  और  असुर  दोनों  हैं  ,  उसकी  मानसिक  स्थिति  के  अनुसार   वातावरण   में  विद्यमान  तरंगे    उसके भीतर  की  प्रवृति  को  जाग्रत  कर  देती  हैं  l   इसलिए  वातावरण  के  परिष्कार   के  प्रयास  बड़े  पैमाने  पर  होने  चाहियें  l  पं. श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी  ने   वातावरण  के  परिष्कार  के  लिए   यज्ञ ,  हवन   करने  के  लिए  कहा  ,  इसके  अतिरिक्त  यदि    जो  वास्तव  में  पीड़ित  हैं  उनके  पीड़ा  निवारण  के  कार्य   यदि  बड़े  स्तर  पर  हों  ,   खुशियां  छीनने   का नहीं  ,  खुशियाँ   बाँटने  का  प्रयास  हो   वातावरण परिष्कृत  होगा ,  लोगों  का  मन  भी  शांत  रहेगा  l