15 November 2020

WISDOM-----

   एक  पेड़  पर  अनेक  उल्लू  निवास  करते  थे  l  संयोगवश   एक  हंस  उस  पेड़   पर  आ  बैठा  l   दिन  का  समय  था   तो  हंस  बोला ---- " आज  प्रकाश  बहुत  है  ,  क्योंकि  सूर्यदेव  अपने  प्रचंड  रूप  में  हैं  l "  यह  सुनकर  उल्लू  बोले  ---- " प्रकाश  का  सूर्य  से  क्या  लेना - देना   है  ? "  हंस  ने  उल्लुओं  को  समझाया  ---- " सूर्य  देवता  हैं  ,  वे  सारे  संसार   को  प्रकाशित  करते  हैं   और  हमें  गर्मी  भी  देते  हैं  l "   परन्तु    उल्लुओं  को   हंस  की  बात   समझ  में  नहीं  आई   l   उल्लुओं  ने  अपनी  शंका  का  निवारण   करने  के  लिए  मध्यस्थता  की  बात  कही   और  मध्यस्थता  के  लिए  चमगादड़  को  बुलाया  गया  l    चमगादड़  ने  तो  प्रकाश  बिलकुल  भी  नहीं  देखा  था   l   वह  हंस  से    बोला  --- " यह  तुम  नई   बात   कहाँ  से  ले  आए  ?   प्रकाश  क्या  होता  है   ?  इसका  सूर्य  से   क्या  लेना - देना  है  ?  तुम  अपनी  मूर्खतापूर्ण  बकवास  बंद  करो   l   जब  हंस  ने  उसे  समझाने   की  कोशिश  की   तो  चमगादड़  और  उल्लू  ,    हंस  पर  झपट  पड़े   l   हंस  किसी  तरह  जान  बचाकर  भागा  l  उड़ते - उड़ते  हंस  ने  कहा  ---- "  सत्य  को  बहुमत  न  भी  मिले    तो  भी  सत्य  , सत्य  ही  रहता  है    l   परन्तु  यदि  बहुमत  मूर्खों  का  हो   तो  समझदार   व्यक्ति   को  उन्हें  समझाने   का  प्रयत्न  नहीं   करना  चाहिए   l   इससे  मात्र  अपनी  ही   ऊर्जा  नष्ट  होती  है   l "

WISDOM -----

   अच्छे - बुरे  विचारों  से  केवल  हम  ही  नहीं ,  यह  धरती  भी  प्रभावित  होती  है  l   धरती  पर  ऐसे  स्थानों  की  कमी  नहीं  ,  जो  अपने  बुरे  प्रभाव  के  लिए  कुख्यात  रहे  हों  l  महाभारत  के  युद्ध  के  लिए  भगवान  श्रीकृष्ण  ने  अपने  दूतों  को  भेजा  और  किसी  ऐसे  स्थान  के  चयन  की  बात  कही  ,  जिसका  इतिहास  कुख्यात  हो  l   एक  स्थान  पर  एक  भाई  ने   अपने  ही  भाई  की  हत्या  कर  दी  थी  l   भगवान  श्रीकृष्ण  ने  सोचा  कि   महाभारत  जैसे  युद्ध  के  लिए   यही  स्थान  उपयुक्त  हो  सकता  है  l   उन्हें   डर   था  कि  महाभारत  भाई - भाई  के  बीच  का  संग्राम  है  ,  कहीं  ऐसा  न  हो   कि   उनका  प्रेम  बीच  में   ही  उमड़  आए   और  लड़ाई  अधूरी  रह  जाए  l   वे  चाहते  थे  कि   सत्य  की  असत्य  पर  विजय  हो   l   क्रूरता  मरे  और  निर्दोष  सरलता  की  जय  हो  l   अत:  उन्हें   ऐसी  युद्ध  भूमि   की  तलाश  थी  ,  जो  अपने  कुकृत्यों  से   वहां  के  वातावरण  को  बुरी  तरह  प्रभावित   करती  हो  l   और  ऐसी  भूमि  के  रूप  में  कुरुक्षेत्र   का  चयन  हुआ   l   महाभारत  के  लिए  कहा  जाता  है  --- ' न  भूतो , न  भविष्यति  l  '