पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी लिखते हैं --- ' ज्ञान मनुष्य की सच्ची संपत्ति है l धन नष्ट हो जाता है , तन जर्जर हो जाता है , साथी और सहयोगी छूट जाते हैं l केवल ज्ञान हो ऐसा एक अक्षय तत्व है , जो कहीं भी किसी भी अवस्था में और किसी भी काल में मनुष्य का साथ नहीं छोड़ता है l ज्ञान को ईश्वरीय विभूति कहा गया है l ज्ञान एक ऐसी अक्षय सम्पदा हैं, जिसका तीनों कालों में नाश नहीं होता , वह जन्म - जन्मांतर में मित्र की तरह मनुष्य के साथ बनी रहती है l