14 December 2020

WISDOM ------ क्रोध में कोई महत्वपूर्ण निर्णय न लें

   खलीफा  अली  युद्ध  के  मैदान  में  लड़  रहे  थे  l   वर्षों  से  युद्ध  का  सिलसिला  चल  रहा  था  l   एक  पल  ऐसा  आया  ,  जब  उन्होंने  दुश्मन  को  नीचे   गिरा  दिया    और  उसकी  छाती  पर  बैठ  गए  l   भाला   उठाकर  उसे  मारने  ही  वाले  थे   कि   उस  नीचे   पड़े  दुश्मन  ने   उन  पर  थूक  दिया  l   खलीफा  ने  थूक  पोंछा   और  भाला  ,  जो  दुश्मन  के  सीने   से  पार   होने  ही  वाला  था  ,  उसे  हटाकर  एक  तरफ  रख  दिया    और  उस  आदमी  से  जो  उनका  दुश्मन  था  ,  कहा  ---- " हम  कल  फिर  लड़ेंगे  l  "    दुश्मन  बोला  ---- " तुम  मौका  चूक  गए  l   हो  सकता  है  ,  कल  तुम  नीचे   हो    और  मैं  भाला  लेकर  तुम्हारे  ऊपर  l   जब  मारना  ही  था  तो  मार  देते  l   मैं  तुम्हारी  जगह  होता   तो  यह  मौका  नहीं  चूकता  l  "  खलीफा  बोले  ----- " मुहम्मद  का  फरमान  है  कि   कभी  हिंसा  भी  करो   तो  क्रोध  में  मत  करो  l   अभी  तक  मैं  शांति  से  लड़  रहा  था  l    तुमने मेरे  ऊपर  थूक  दिया  l   थूक  कर  क्रोध  की  लपट  पैदा  कर  दी  l   इसलिए  अब  नहीं  मारूंगा   l   आज  की  लड़ाई  सिद्धांत  की  लड़ाई  नहीं  हुई   l  "  अगले  दिन  वह  शत्रु  आया  और  उसने  खलीफा  के   पैर   पकड़  लिए  l   उसने  कहा ---- " मैंने  सोचा  भी  नहीं  था   कि   ऐसा  भी  आदमी  हो  सकता  है  --- कभी  छाती  पर  आया  भाला   रुक  भी  सकता  है   !  मुझे  माफ   कर  दो   !    और लड़ाई  समाप्त  हो  गई   l