14 September 2019

WISDOM---

  '  हिन्दी  - दिवस '  की  शुभ कामनाएं   l   14  सितम्बर  को  ' हिन्दी - दिवस '  के  रूप  में  मनाने  की  प्रथा  का  प्रचलन   दक्षिण  भारत  के  हिन्दी  भक्त  श्री रंगम रामस्वामी  श्रीनिवास राघवन  ने  किया  l  हिन्दी  - प्रचार  का  कार्य  उन्होंने  अपने  घर  से  अपनी  पत्नी  को  हिन्दी  सिखाकर  आरम्भ  किया  l  दक्षिण  भारत  में  पैदा  होकर  भी   हिन्दी - प्रचार  के  काम  को  उन्होंने  अपनी  इकलौती  पुत्री  के  ब्याह  की  तरह  पूरे  रस  व  दायित्व  से  सम्पादित  किया  l  उनका  पूरा  परिवार  इस  पवित्र  कार्य  में  समर्पित  रहा  l  वे  बाद  में  राघवन जी  के  नाम  से  विख्यात  हुए  l

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   काव्य  प्रतिभा  मनुष्य   को  मिली  हुई  एक  दैवी  विभूति  है     उसे  पाकर   अहंकार  में  भर  उठना  या  उसके  महत्व  को  नकारते  हुए   दुरूपयोग  करने  लगना  बहुत  बड़ी  भूल  है   क्योंकि  यह  उसकी  प्रतिभा  नहीं  होती   वरन  ईश्वर  से   किसी  विशेष  प्रयोजन   के  लिए  उसे  मिली  होती  है  l
  जन मानस   के  उत्थान , परिष्कार  ,  निर्माण  व  पतन  में   साहित्य  का  महत्वपूर्ण  योगदान  रहा  है  l  यह  मनुष्य  को  देवत्व  की  ओर  अग्रसर  भी  कर  सकता  है   तथा  पशुत्व  की  ओर  भी  ढकेल  सकता  है  l
                     हिन्दी  के  शीर्षस्थ  कवियों  में  से  तुलसीदास  जी  भी  एक  हैं   l  मनुष्य  देवता  बने  --- इसी  द्रष्टिकोण  को  ध्यान  में  रखकर  उन्होंने  साहित्य  सृजन  किया   l  रामचरितमानस  के  जरिये  उन्होंने  विश्व  को  जो  देन  दी  ,  वह  अमर  है  l  रामचरितमानस  एक  भक्ति  काव्य ,  आदर्शवादी  काव्य  ही  नहीं  , सांसारिक  अनुभवों  का  एक  विश्व कोष  भी  है   l