15 July 2020

WISDOM -------

पं. श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी  का  कहना  है  कि ----' संसार  की  समस्याओं  का  एकमात्र  हल --- संवेदना  है  l   औरों  का  दुःख  जिसे  अपना  लगता  हो  ,  वही  अपनी  संवेदना  के  प्रवाह  से  औरों  को  संवेदनशील  बनाने  की  क्षमता  रखता  है  l '
  स्वयं  को   विकसित  और   सभ्य   कहलाने  वाला  मनुष्य  संवेदनहीन  है   ,   इसी कारण  वह  अपनी  शक्ति , साधन  और  ज्ञान  का  उपयोग  अपने  स्वार्थ  और  अपनी  महत्वाकांक्षा    पूर्ति  के   लिए  करने  लगा  है  l  शक्ति  के  दुरूपयोग  ने  किस  प्रकार  मानवता  को  हानि  पहुंचाई  है ,  यह  संसार  कई  बार  देख  चुका   है  l
   महान  वैज्ञानिक  आइन्स्टीन   ने  विज्ञानं  की  साधना  एक  तपस्वी  के  रूप  में  की  थी  ,  लेकिन  जब  उसे  ही  मानव  जाति   के  विनाश  में  प्रयुक्त  होते  देखा   तो  उनकी  आत्मा  बिलख  उठी  थी  l   वे  इस  दुःख  को  भुलाने  के  लिए   कभी - कभी  संगीत  का  सहारा  लिया  करते  थे  l  वे  एक  अच्छे  वायलिन वादक  थे  l   वायलिन  बजाते  तो  ऐसी  दर्दीली   धुनें  निकालते   कि   उनका  अपना  दर्द  उस  प्रवाह  में  खो  जाता  l   उन्होंने  विज्ञान   को   मानव - सेवा  का  एक  साधन  मानकर  ही  अपनाया  था  , साथ  ही  विश्व बंधुत्व  और  विश्व शांति  के  लिए   एकनिष्ठ  होकर  कार्य  किया  था  l