27 August 2023

WISDOM ----

  संत  तुलसीदास जी  और  कवि  रहीम  ,  दोनों  घनिष्ठ  मित्र  थे  l  दोनों  एक  दूसरे  को  कविता  लिखकर  भेजते  थे   और  कई  बार  इसी  माध्यम  से  वार्तालाप  किया  करते  थे  l  एक  बार  रहीमदास जी  के  मन  में   जिज्ञासा  उठी  कि   गृहस्थी  में  रहकर  भगवान  की  भक्ति  कैसे  की  जा  सकती  है  ?  इसलिए  उन्होंने  एक  दोहा  लिखकर   तुलसीदास जी  को  भेजा  --- चलन  चहत  संसार  की  ,  मिलन  चहत  करतार l  दो  घोड़े  की  सवारी  ,  कैसे  निभे  सवार  l  '  अर्थात    सांसारिक  चलन  में  रहकर   भी  उस  परमात्मा  से  मिलने  का  प्रयास  क्या  दो  घोड़ों  की  सवारी  करने  जैसा  नहीं  है  ,  जिसे  निभाना  सवार  के  लिए   असंभव  सा  है  l      उत्तर  में  तुलसीदास जी  ने  रहीमदास जी   को  लिखकर  भेजा ---- चलन  चहत  संसार  की ,  हरि  पर  राखो  टेक  l   तुलसी  यूँ  निभ  जाएंगे  ,  दो  घोड़े  रथ  एक  l     अर्थात  सांसारिक  कार्यों  को  करते  हुए  भी   द्रष्टि  प्रभु  पर  ही  रखनी  चाहिए  l  ऐसा  करने  पर  जीवन  वैसे  ही  चलेगा  ,  जैसे  दो  घोड़ों  के  होते  हुए  भी   एक  रथ  सहजता  से  चलता  है   l  दूसरे  शब्दों  में  यदि  हमारा  मन   व  मस्तिष्क   सदा  प्रभु  भक्ति  में  लीन  रहे   तो  गृहस्थ   रहते  हुए  भी   हरि भक्ति   संभव  है  l  तुलसीदास जी  का  उत्तर  पाकर  रहीमदास जी  गदगद  हो  उठे  l  

WISDOM -----

   संत  रज्जब  सदा  परवरदिगार  की  प्रार्थना  में  निमग्न  रहते  थे  और  जो  भी  उनके  संपर्क  में  आता  , उसे  भी  अच्छे  पथ  पर  चलने  की  प्रेरणा  देते  l  उनके  गाँव  में  जुबेर  नामक  एक  व्यक्ति  रहता  था  ,  उसे  जुआ  खेलने , शराब  पीने  और  लोगों  को  निरर्थक  परेशान  करने  की  आदत  थी  l  एक  दिन  ज्यादा  शराब  पीकर  वह  नाली  में  गिर  पड़ा  l  उसकी   गन्दी  आदतों    के  कारण  कोई  उसकी  सहायता  के  लिए  आगे  नहीं  आया  l  ऐसे  में  संत  रज्जब  उधर  से  निकले  l  उन्होंने  उसे  उठाया , उसका  मुंह  धुलाया   और  उसके  होश  में  आने  तक   उसकी  देखभाल  की  l  उसके  होश  में  आने  पर  वे  उससे  बोले --- " नौजवान  जिस  मुँह  से  परवरदिगार  को  बुलाते  हैं  ,  उसे  शराब  पीकर  कुत्सित  करना  किसी  गुनाह  से  कम  नहीं  है  l "  संत  रज्जब  की  कही  यह  बात  जुबेर  के  दिल  में  बैठ  गई   और  वह  सदा  के  लिए  नेक  इनसान  बन  गया  l