13 April 2021

WISDOM ------

   विचारों  में  परिवर्तन  और  परिमार्जन  होते  ही  जीवन  कैसे  बदल  जाता  है  ,  इसके    उदाहरण  हैं  --- महात्मा  टालस्टाय   l   टालस्टाय  जन्मजात  महात्मा  नहीं  थे  l   वे  एक   सामन्तवंशी    राजकुमार  थे  l   रुसी  सेना   में सेना नायक  के  पद  पर  कार्य  करते  रहे  l   सामंत  सेनापतियों  की   सारी   बुराइयां  उनमे  भरी  पड़ी  थीं  l  जीवन  के  कई  वर्ष  उन्होंने  मद्दपान , क्रूरता , हत्या  तथा  भोग - विलास  में  बिताये  l   जब  वे  रुसी   तोपखाने  में  थे   तब  युद्ध  में  जाकर  हजारों  मनुष्यों  का  वध  किया  करते  थे  , गांव  और  नगर  वीरान  कर  देते  थे  l  तब  उन्हें  अनाथ  हुए  बच्चों , विधवाओं   और  पुत्रहीन  माताओं  का  क्रंदन   और  घायलों  की  कराह  सुखद  लगती  थी  l   खेत  और  खलिहानों  को  जलाती   हुई  आग  की  लपटें   सुहावनी  लगती  थीं  l  टालस्टाय  के  जीवन  की  यह   अंधकार  की  स्थिति  बहुत  समय  तक  न  चल  सकी  l   उन्होंने  महात्माओं , संतों  और  सज्जनों  के  जीवन  से   अपनी  तुलना  की   तो  उन्होंने  अनुभव  किया  कि   वे  मानों  मनुष्य  हैं  ही  नहीं  ,  वे  पशु  हैं  l   व्यसन  और  विलासिता  के  दास   हैं  l   ऐसे  विचार   आते ही  उन्हें  अपने  जीवन  पर  ग्लानि  होने  लगी  l   वे  जब  सेना  में  थे  ,  उन   दिनों को  याद  कर  के  रो   देते  थे  l  सत्य   का  प्रकाश   आते  ही  उन्होंने  अपने  जीवन  की  धारा   बदल  दी   और  अब  वे  बुरे  से  अच्छे  बनकर   प्रेम , करुणा ,  सहृदयता ,  सहानुभूति    तथा  त्याग - तपस्या  की  मूर्ति  बन  गए  l   आत्म ग्लानि  की  वेदना  को  कम  करने  के  लिए   उन्होंने  कलम  का  सहारा   लिया  और  ' बचपन '  नामक  उपन्यास  लिखा  , जिसकी  बहुत  प्रशंसा  हुई   l  उन्होंने  रूस  में  विद्द्या  प्रसार  का  बहुमूल्य  कार्य  किया   l