17 August 2018

WISDOM ------- मन , वचन और कर्म में एकरूपता को सत्य कहते हैं

 यह  सत्य  भी  समय  और  परिस्थिति  को  देखते  हुए  ही  बोलने  का  निर्देश  दिया  गया  है   l   जैसे  यदि  देश  के  रक्षक  गोपनीय  सूचनाओं  को  शत्रुओं  के  समक्ष  प्रकट  कर  दें  ,  तो  इससे  राष्ट्र  की  सुरक्षा  को  खतरा  पैदा  हो  जायेगा  ,  अत:   ऐसे  सत्य  को   न  प्रकट   करना  ही  सबके  हित  में  है  l  
  एक  कथा  है ----- एक  बार  एक  कसाई  अपनी   बूढ़ी  गाय  को  ढूंढते  हुए   एक  संत  के  आश्रम  में  पहुंचा  और  गाय  के  बारे  में  पूछा  l  संत  ने  वास्तु स्थिति  को  भांप  लिया  कई  यह  कसाई  है  ,  अत:  गोलमाल  उत्तर  दिया --- कहा --- ' जिसने  देखा  वह  बोलती  नहीं   और  जो  बोलती   है  ,  उसने  देखा  नहीं  l '  इससे  एक  साथ  दो  प्रयोजन  हो  गए   l    गाय  की  प्राण रक्षा  भी  हो   गई      और  झूठ  न  बोलने  के  संकल्प   का  भी  निर्वाह  हो  गया   l 
  ऐसे  ही  कठोर  सत्य  को  न  बोलने  के  निर्देश  दिए  गए  हैं   l