22 April 2023

WISDOM ----

   महाभारत  में  अनेक  रोचक  प्रसंग  हैं  ,  इनमें  एक  प्रसंग  है  ---- जरासंध  वध  ---- जरासंध  मगध  देश  का  राजा  था  , उसने  सभी  राजाओं  को  जीतकर  अपने  अधीन  कर  लिया  था  l  शिशुपाल  जैसे  शक्तिशाली  राजा  ने  भी  उसकी  आधीनता  स्वीकार  कर  ली  थी  l जरासंध   की  बेटी  से   कंस  ने  विवाह  कर  लिया  था  , कंस  का  साथ  मिल  जाने  से  वह  और  शक्तिशाली  हो  गया  था  l  स्वयं  भगवान  कृष्ण  अपने   बंधुओं  के  साथ  लगातार  तीन  वर्ष  तक  उससे  युद्ध  किया    और  हार  गए  l  जरासंध  के  भय  से  उन्हें  मथुरा  छोड़ना  पड़ा  और  द्वारका  में  दुर्ग  बनाकर  रहना  पड़ा  l    जब  पांडवों  को  खांडव प्रस्थ   मिला  यह  जंगल  था  , जिसे  पांडवों  ने   पुन:  बसाकर  इन्द्रप्रस्थ  बना  लिया  l  तब  युधिष्ठिर  को  उनके  मित्रों  ने  सलाह  दी  कि  सम्राट  पद   प्राप्त  करने  के  लिए  राजसूय  यज्ञ  करें  l  इस  संबंध  में  जब  उन्होंने  भगवान  श्रीकृष्ण  से  सलाह  ली  तब  उन्होंने  बताया  ---- जरासंध  अजेय  पराक्रमी  है  , उसने  आज  तक  पराजय  का  नाम  नहीं  जाना  l  जरासंध  का  वध  किए  बिना  राजसूय  यज्ञ  संभव  नहीं  है  l  श्रीकृष्ण   ने  पांडवों  को  बताया  कि  जरासंध  बहुत  अत्याचारी  है  , उसने  बिना  किसी  अपराध  के  अनेक  राजाओं  को  जेलखाने  में  डाल  रखा  है  l  उसका  इरादा  है  कि  जब  पूरे   सौ  राजा  पकड़े  जा  चुके  होंगे   तब  पशुओं  की  बलि  के  स्थान  पर   उन  राजाओं  का  वध  कर  के    वह  यज्ञ  का  अनुष्ठान  करेगा  l  इसलिए  ऐसे  अत्याचारी  का  अंत   आवश्यक  ही  नहीं  कर्तव्य  भी  है  l   श्रीकृष्ण , भीम  व  अर्जुन  जरासंध  की  राजधानी   पहुंचे   और  उसे   द्वन्द   युद्ध  के  लिए  ललकारा  l    उन  दिनों  कोई  युद्ध  के  लिए  ललकारे  तो  उससे  युद्ध  करना  क्षत्रिय  धर्म  था  l  जरासंध   बोला  --- कृष्ण  तुम  क्षत्रिय  नहीं  हो , ग्वाले  हो  और  अर्जुन  अभी  बालक  है  , तुम  दोनों  से  तो  मैं  नहीं  लडूंगा  ,   भीम  की  वीरता  के  किस्से  सुने  हैं  , इसलिए  मैं  भीम  से   मल्ल - युद्ध  करूँगा  l   भीम  और  जरासंध  में  भयंकर  युद्ध  हुआ  ,  बिना  विश्राम  किए  वे  तेरह  दिन  और  तेरह   रात    लगातार  लड़ते  रहे  l   भीमसेन  भी  पस्त  होने  लगे  तब  चौदहवें  दिन   भगवान  श्रीकृष्ण  ने   एक  घास  का  तिनका  उठाया  और  भीम  को  इशारों  से  समझाया   कि  घास  के  तिनके  को  बीच  से  चीरकर  दांया  हिस्सा  बांयी  ओर  और  बांया  हिस्सा  दांयी  ओर   फेंक  दो  l  भीम  इशारा  समझ  गए  और  इसी   तरह  उन्होंने  जरासंध  का  वध  कर  दिया    श्रीकृष्ण  और  भीम  व   अर्जुन  ने   उन  सभी  राजाओं  को  मुक्त  कर  दिया  , जिन्हें  जरासंध  ने  बंदी  बना  रखा  था  l  जरासंध  के  पुत्र  को  मगध  की  गद्दी  पर  पर  बिठाकर   अपनी  विजय  यात्रा  पूर्ण  की  l