10 October 2020

WISDOM -----

  स्वामी  दयानन्द  सरस्वती  ने   राष्ट्रीय   स्वाभिमान  को  जगाया  ,  विशुद्ध  भारतीयता  पर  बल  दिया  l   सत्य - असत्य - विवेक  की  प्रवृति  को  जगाया  l   अन्धविश्वास  और  रूढ़िवाद  का  खंडन  किया  l   स्वामीजी  मूर्ति पूजा  का  विरोध  करते  थे  l   जुलाई  1869  की  बात  है   l   कानपुर   में   पं.  गुरुप्रसाद  ने   प्रयागनारायण   में  ' कैलास '  और  ' वैकुण्ठ '  नमक  दो  मंदिर   बहुत  धन  लगाकर  बनवाये  थे  l   स्वामीजी  ने  उनसे  कहा  था ----"  आपने  लाखों  रुपया  व्यर्थ  गँवा  दिया  l  इससे  अच्छा  था  कि   कान्यकुब्ज  कन्याओं  को  ,  जो  30 -30   वर्ष  की   कुमारी   बैठी  हैं  ,  विवाह  करवा  देते  ,  जिससे  देश  और  जाति   का  भला  होता  l "

WISDOM ----

   गाँधीजी   के  जीवन  की  एक  घटना  है  --- बात  चंपारण   जिले  की  है  l   गाँधीजी   उस  क्षेत्र  में   असहयोग  आंदोलन  का   वातावरण  बनाने  के  लिए   गाँव - गाँव   घूम  रहे  थे  l   एक  गाँव  में  उन्होंने  पशुबलि  का  जुलूस   निकलते  देखा  l   देवी  को  बकरा  चढ़ाने   एक  समूह  गाता  - बजाता   जा  रहा  था  l   गाँधीजी   ने  दृश्य  देखा  ,  तो  उन्होंने  एकत्रित  लोगों    को   वैसा  न  करने  के  लिए  समझाया  l   न  माने  तो  एक  नया   प्रस्ताव  रखा  -- गाँधीजी   ने  कहा -- पशु  के  रक्त  से   मनुष्य  का  रक्त  उत्तम  ही  होगा  l   तुम  लोग  अपने  देवता  पर   मेरी  बलि  चढ़ा  दो  l  उन्होंने  सिर   नीचे  झुका  लिया    और  वहां  जा  खड़े  हुए  ,  जहाँ  बकरा  कटना   था  l   सन्नाटा  छा  गया  ,  ग्रामीण  लौट  गए   और  उस  क्षेत्र  से  बलि  - प्रथा    सदा  के  लिए  समाप्त  हो  गई    l