21 August 2018

WISDOM ----- केंकड़ा वृति को दूर कर के ही स्वस्थ समाज का निर्माण संभव है

 एक  व्यक्ति  समुद्र  के  किनारे   केंकड़े    एकत्र  कर  रहा   l   वह  बार - बार   जाल  में  भरकर  केंकड़े  लाता  और  उन्हें   एक  खाली  टोकरी  में  डाल  देता  l   एक  व्यक्ति  दूर  से  देख  रहा  था  कि   बिना  ढंके   तो  ये  सब  निकलकर   रेंगते  हुए  बाहर  चले  जायेंगे  l  वह  उसकी  मदद  को  आया  और  कहने  लगा  कि  इन्हें   ढक   दो  , कहीं  ये  निकल कर  बाहर  न  चले  जाएँ  l   वह  व्यापारी  बोला ---- "  आप  निश्चिन्त  रहें ,  मैं  इन्हें  अच्छी  तरह  जनता  हूँ  ,  ये  कहीं  भी  नहीं  जायेंगे  l  "  उसकी  उत्कंठा  का  समाधान करते  हुए  उसने  कहा ---- ' एक  भी  केंकड़ा   इस   पूरे   समूह  में  से   जब  निकलने  की  कोशिश  करता  है   तो  चार  केंकड़े  मिलकर  उसकी  टांग  खींच  लेते  हैं   कि  यह  कैसे  ऊपर  जा  रहा  है   l  जब  सभी  की  यह  मनोवृति  हो   तो  कोई  कैसे  बाहर  आ  सकता  है  ?  " 
  आज  के  समाज ,  राजनीति ,  हर  क्षेत्र  में   ऐसी  ही  मनोवृति  के  लोग  हैं  , इस   कारण    समाज  में  अशांति  रहती  है  और  समाज   लोगों   की   प्रतिभा  और  योग्यता  के  लाभ    से  वंचित  रह  जाता  है   l